पाकिस्तान के केयरटेकर प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक काकर ने कहा है कि आर्टिकल 370 पर भारत के सुप्रीम कोर्ट का फैसला राजनीति से प्रेरित है। काकर ने कहा- हम कश्मीर के लोगों के लिए नैतिक, राजनीतिक और डिप्लोमैटिक सपोर्ट जारी रखेंगे।
PoK में लेजिस्लेटिव असेंबली के स्पेशल सेशन को संबोधित करते वक्त काकर ने कहा- कश्मीर पाकिस्तान की नसों में हैं। पाकिस्तान शब्द ही कश्मीर के बिना अधूरा है। पाकिस्तान और कश्मीर के लोगों में एक खास रिश्ता है। राजनीति से अलग हटकर पूरा पाकिस्तान इस बात का समर्थन करता है कि कश्मीरियों के पास अपने फैसले लेने का हक है।
काकर ने कहा- अब भारत के ऊपर पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने का जिम्मा
उन्होंने आगे कहा- पाकिस्तान की विदेश नीति में भी जम्मू-कश्मीर एक अहम पहलू है। भारत के सुप्रीम कोर्ट का फैसला कानून नहीं बल्कि सिर्फ राजनीति पर आधारित है। घरेलू कानून और न्यायिक फैसलों के जरिए भारत अपने फर्ज से छुटकारा नहीं पा सकता।
पाकिस्तानी PM ने कहा कि कश्मीर UN का सबसे पुराना अनसुलझा एजेंडा रहा है और यहां UNSC के प्रस्तावों को भी लागू नहीं किया गया। काकर ने ये भी कहा कि पाकिस्तान पड़ोसी देश होने के नाते भारत से अच्छे रिश्ते चाहता था लेकिन 2019 में भारत सरकार ने कश्मीर में जो एकतरफा फैसले लिए, उसकी वजह से अब माहौल खराब हो चुका है। इसे ठीक करने की जिम्मेदारी सिर्फ भारत के ऊपर ही है।
सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 370 हटाने के फैसले को बरकरार रखा
दरअसल, 11 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए सरकार के फैसले को बरकरार रखा था। SC ने कहा था कि आर्टिकल 370 अस्थायी था। जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। राष्ट्रपति को यहां के फैसले लेने का पूरा अधिकार है। इसके साथ ही राज्य में सितंबर 2024 तक चुनाव कराने का आदेश भी दिया गया है।
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया था। साथ ही राज्य को 2 हिस्सों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कुल 23 याचिकाएं दाखिल हुई थीं। 5 जजों की बेंच ने सभी याचिकाओं की एक साथ सुनवाई की थी।
इमरान ने कहा था- कश्मीर ही भारत-पाक विवाद की जड़
इससे पहले पाकिस्तान की जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि आर्टिकल 370 पर भारत के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कश्मीर मामला और उलझ जाएगा। कश्मीर पर SC के फैसले का फैसला विवादित और कानून के खिलाफ है। इससे दशकों से चल रहा मसला हल होने की जगह और बढ़ जाएगा।
इमरान खान ने कसम खाई थी कि वो और उनकी पार्टी कश्मीर के लोगों को डिप्लोमैटिक, राजनीतिक और नैतिक मदद पहुंचाते रहेंगे। उन्होंने कहा - कश्मीर ही भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद की जड़ रहा है। भारत ने जब 2019 कश्मीर से विशेष दर्जा छीना था, तब भी हमने इसका कड़ा विरोध किया था।