पाकिस्तान के डिफेंस मिनिस्टर ख्वाजा आसिफ का कहना है कि देश दिवालिया होने की कगार पर है। उन्होंने इसकी वजह टैक्स की चोरी को बताया है। उन्होंने कहा, "खुदरा विक्रेता (रीटेलर) और थोक विक्रेता (होलसेलर) टैक्स देने से बच रहे हैं, ये देश के आर्थिक संकट का मुख्य कारण है।
इधर, पाकिस्तान की शाहबाज शरीफ सरकार ने पेट्रोल के दामों में भारी बढ़ोतरी की है। पेट्रोल के दाम 9.66 पाकिस्तानी रुपए बढ़कर 289.41 रुपए हो गए हैं। वहीं हाई-स्पीड डीजल 3.32 रुपए कम होकर 282.24 पाकिस्तानी रुपया हो गया है। नए रेट्स लागू भी कर दिए गए हैं।
अंतरराष्ट्रीय कीमतों में बढ़ोतरी को वजह बताया
सरकार ने कहा है कि देश में पेट्रोल की कीमतें बढ़ाने की वजह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ी पेट्रोल की कीमतें हैं। दरअसल, सरकार हर 15 दिनों में ईंधन की कीमतों की समीक्षा करती है और वैश्विक तेल की कीमतों के उतार-चढ़ाव और स्थानीय मुद्रा के एक्सचेंज रेट के आधार पर उन्हें बढ़ाती या घटाती है।
पहले पेट्रोल की कीमत 279.75 रुपए थी
16 मार्च को सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव नहीं किए थे। प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत 279.75 रुपये और एक लीटर डीजल की कीमत 285.56 रुपये थी। यानी पेट्रोल के दामों में 15 दिनों में करीब 9 रुपए की बढ़ोतरी हुई है।
मिडिल क्लास पर असर पड़ेगा
पेट्रोल का ज्यादातर इस्तेमाल प्राइवेट ट्रांसपोर्ट, छोटे वाहनों के लिए किया जाता है। इसकी वजह से दाम बढ़ने का सीधा असर पाकिस्तान के मिडिल क्लास और लोअर क्लास लोगों पर पड़ेगा। वहीं, डीजल का इस्तेमाल ट्रांसपोर्ट में इस्तेमाल होने वाले वाहनों, ट्रेन, ट्रक, बस में होता है। इससे ट्रांसपोर्ट कॉस्ट बढ़ने की वजह से दूसरे सामानों की कीमतें भी बढ़ेंगी। इसका खामियाजा भी मिडिल और लोअर क्लास को उठाना पड़ेगा।
प्रति लीटर पेट्रोल 60 रुपए टैक्स ले रही सरकार
पाकिस्तानी मीडिया 'द डॉन' के मुताबिक, सरकार प्रति लीटर पेट्रोल-डीजल 60 रुपए टैक्स ले रही है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ हुई डील के तहत, सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान 869 अरब रुपये का टैक्स जमा करने का लक्ष्य रखा है। पहली छमाही (जुलाई-दिसंबर) में लगभग 475 अरब रुपये जमा हो गए हैं और वित्तीय वर्ष के अंत तक लगभग 970 अरब रुपये जमा होने की उम्मीद है।
पाकिस्तान की तंगहाली...
देश का विदेशी मुद्रा भंडार इस समय 8 बिलियन डॉलर है, जो करीब डेढ़ महीने तक के सामानों के आयात जितना है। देश के पास कम से कम 3 महीने के सामान के आयात जितना पैसा होना चाहिए।
2024 में पाकिस्तान की GDP महज 2.1% की दर से बढ़ने की संभावना है। विकास की ये दर कमजोर सरकार आने पर और नीचे जा सकती है। फिलहाल एक डॉलर की कीमत 276 पाकिस्तानी रुपए के बराबर है।
2022 में इमरान खान को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। पाकिस्तान में राजनीतिक उठा पटक की स्थिति थी। इसके चलते महज 4 महीनों में डॉलर की तुलना में पाकिस्तानी करेंसी में 30 रुपए की भारी गिरावट हुई। जनवरी 2022 में 1 डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपए की वैल्यू 174 थी, जो मई तक बढ़कर 204 हो गई। इससे साफ है कि अब अगर फिर से पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता आई तो इसका असर वहां की करेंसी पर होगा।
IMF से कर्ज नहीं मिला तो डिफॉल्टर हो जाएगा पाकिस्तान
घटते विदेशी मुद्रा भंडार के बीच पाकिस्तान को अगले 2 महीने में 1 बिलियन डॉलर, यानी 8.30 हजार करोड़ रुपए का कर्ज चुकाना है। एक तरफ उस पर कर्ज तोड़ने का दबाव है, तो वहीं दूसरी ओर 12 अप्रैल 2024 को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF से उसे 3 बिलियन डॉलर कर्ज मिलने की समय सीमा भी खत्म हो रही है। अगर कर्ज नहीं मिला तो मुल्क दिवालिया घोषित हो सकता है।
प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति सैलरी नहीं लेंगे
देश की आर्थिक हालातों को देखते हुए प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ, राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी समेत कैबिनेट मंत्रियों ने इस कार्यकाल की सैलरी छोड़ने का फैसला किया है।
13 मार्च को जरदारी की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) ने अपने X अकाउंट पर लिखा था- राष्ट्रपति जरदारी देश की मदद करने के लिए अपने कार्यकाल में कोई सैलरी नहीं लेंगे। उन्होंने फाइनेंशियल मैनेजमेंट और राष्ट्रीय राजस्व पर बोझ नहीं डालने का फैसला किया है।