पाकिस्तान के केयरटेकर प्रधानमंत्री अनवार-उल-हक काकड़ ने कहा है कि पाकिस्तान की क्षमता और उसकी भूमिका को सराहा जाना जरूरी है। स्विट्जरलैंड के दावोस में चल रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में CNBC को दिए एक इंटरव्यू में काकड़ ने कहा- क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान की अहमियत को पहचानने की जरूरत है।
दरअसल, अमेरिका ने पिछले हफ्ते ही पाकिस्तान को चीन, रूस और सऊदी के साथ विशेष चिंता वाले देशों की सूची में रखा था। काकड़ ने इस पर कहा कि- हम नतीजे देने वाला देश हैं। मैं अमेरिका की बाइडेन सरकार से अपील करता हूं कि पाकिस्तान को भी अहम मुद्दों पर सकारात्मक तौर पर शामिल किया जाना चाहिए।
अमेरिकी रिपोर्ट में दावा- पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता खतरे में
रिपोर्ट के मुताबिक, यहां धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन से जुड़े गंभीर मामले दर्ज किए गए हैं। पाकिस्तान ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा था कि यह दावा एकतरफा, भेदभाव और मनमाने पैमानों पर आधारित है। ऐसे कदम वैश्विक स्तर पर धार्मिक स्वतंत्रता को आगे बढ़ाने के इस्लामाबाद और वॉशिंगटन के लक्ष्य को कमजोर करते हैं।
बलूचिस्तान में ईरान की एयरस्ट्राइक पर काकड़ ने कहा कि क्षेत्र में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए मिलकर काम करना अहम है। इसके अलावा केयरटेकर PM से चीन के साथ रिश्तों को लेकर भी सवाल किए गए। इस पर उन्होंने कहा- पाकिस्तान और बीजिंग में स्ट्रैटेजिक तौर पर करीबी रिश्ते हैं। दुनिया में चाहे कुछ भी हो जाए, उसका असर कभी भी पाकिस्तान और चीन के रिश्तों पर नहीं पड़ेगा।
काकड़ बोले- 8 फरवरी को जनता एक स्थिर सरकार चुनेगी
आम चुनाव से जुड़े सवाल पर काकड़ ने कहा कि चुनाव निर्धारित तारीख यानी 8 फरवरी को ही होंगे। सही और निष्पक्ष चुनाव करवाना सरकार की प्राथमिकता है। जनता 8 फरवरी को 5 साल के लिए सरकार चुनेगी, जो देश में आर्थिक स्तर पर स्थिरता और विकास का काम करेगी।
वहीं करीब 15 दिन पहले केयरटेकर PM ने कहा था कि बलूचिस्तान की आजादी की मांग करने वाले आतंकियों को भारत और यहां की खुफिया एजेंसी रॉ से फंडिंग मिलती है। लाहौर में बिजनेस फैसिलिटेशन सेंटर में 20 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान काकड़ ने करीब 15 मिनट इसी मुद्दे पर बात की थी।
उन्होंने कहा था कि हमारी लड़ाई बलोचिस्तान के सशस्त्र संगठनों के खिलाफ है। बलूचों के नहीं। हिन्दुस्तान में कोई ISI के पैसों से लड़कर देखे कि उनका क्या हाल होगा। ये 1971 नहीं है। बलूचिस्तान बांग्लादेश नहीं है, जो अलग हो जाएगा।