पाकिस्तान के मशहूर जर्नलिस्ट असद अली तूर को अदालत ने पांच दिन के रिमांड पर फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (FIA) के हवाले कर दिया है। असद को सोमवार को न्यायपालिका के अपमान और उसके खिलाफ ऑनलाइन कैम्पेन चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
असद ने इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) को अपना इलेक्शन सिम्बल बैट न दिए जाने के खिलाफ आवाज उठाई थी। इसके बाद जनवरी में प्रधानमंत्री अनवार-उल-काकड़ की सरकार ने उनके खिलाफ न्यायपालिका के अपमान और उसके खिलाफ कैम्पेन चलाने के आरोप में केस दर्ज कराया था।
जॉइंट इन्वेस्टिगेशन टीम ने जांच की
जनवरी में यह मामला सामने आया था। इसके बाद केयरटेकर सरकार ने सोशल मीडिया पर न्यायपालिका के खिलाफ कैम्पेन चलाए जाने के मामले में कुछ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए थे। मामले की जांच के लिए पांच पुलिस अफसरों की जॉइंट इन्वेस्टिगेशन टीम (JIT) बनाई गई थी। सरकार ने इस टीम को आदेश दिए थे कि वो उन लोगों का पता लगाए जो PTI को बैट इलेक्शन सिम्बल न दिए के खिलाफ सोशल मीडिया पर कैम्पेन चला रहे हैं।
8 फरवरी को हुए चुनाव में PTI कैंडिडेट्स बैट सिम्बल पर चुनाव नहीं लड़ सके थे। इसके बाद इन्होंने निर्दलीय के तौर पर चुनाव जीता और सबसे ज्यादा सीटें जीतीं। दूसरे नंबर पर नवाज शरीफ की पार्टी (PML-N) और तीसरे पर आसिफ अली जरदारी की (PPP) रही।
PTI को बैट सिम्बल न देने का फैसला इलेक्शन कमीशन ऑफ पाकिस्तान ने किया था। इसके बाद PTI ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया। पांच जजों की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्शन कमीशन के फैसले को सही ठहराया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि PTI ने पार्टी के इंटरनल चुनाव गाइडलाइन्स के मुताबिक नहीं कराए।
पूछताछ के बाद गिरफ्तारी
पिछले हफ्ते असद अली तूर को पूछताछ के लिए समन भेजा गया था। इस मामले में फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने भी केस दर्ज किया था। असद से 8 घंटे पूछताछ की गई थी। हैरानी की बात यह है कि अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया था कि एफआईए इस मामले में मार्च के पहले हफ्ते तक कोई कार्रवाई नहीं करेगी। इसके बावजूद असद से 8 घंटे पूछताछ की गई।
सोमवार रात, असद की लीगल टीम ने मीडिया को बताया कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। तूर की वकील इमान जैनब मजारी ने कहा- असद एफआईए की सायबर क्राइम यूनिट में गए थे। उन्होंने वहां अफसरों के सामने अपना पक्ष रखा। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने कुछ घंटे पहले ही जांच एजेंसी को आदेश दिए थे कि किसी जर्नलिस्ट को पूछताछ के नाम पर परेशान न किया जाए। इसके बावजूद असद को परेशान किया गया और उनके साथ वकीलों को भी नहीं जाने दिया गया।
रिमांड का विरोध
जैनब ने कहा- सोमवार देर रात हमें हाथ से लिखा गया एक कागज सौंपा गया। इसमें कहा गया कि असद को गिरफ्तार कर लिया गया है। एक अफसर ने कहा कि यह गिरफ्तारी ज्यादा पूछताछ और उनके इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की जांच के लिए की गई है।
मंगलवार को असद को इस्लामाबाद के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट मोहम्मद शब्बीर के सामने पेश किया गया। यहां जांच एजेंसी के वकील ने कहा कि असद का फिजिकल रिमांड जरूरी है। इसके बाद अदालत ने उन्हें पांच दिन के लिए जांच एजेंसी को सौंप दिया।
ह्यूमन राइट्स कमीशन ऑफ पाकिस्तान ने असद की गिरफ्तारी को गलत बताया है। इमरान खान जब प्रधानमंत्री थे, तब भी असद को गिरफ्तार किया गया था। तब उनके साथ काफी ज्यादा मारपीट भी की गई थी।