पाकिस्तानी आर्मी चीफ ने पूर्व पीएम को बताया दंगों का मास्टरमाइंड, फंस गए पीटीआई प्रमुख
Updated on
10-05-2024 12:27 PM
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में 9 मई के हिंसक प्रदर्शन के एक साल पूरे होने पर पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने इमरान खान के साथ किसी भी डील की संभावना से इनकार किया है। जनरल मुनीर ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई प्रमुख को 9 मई के दंगों और हिंसक प्रदर्शनों का साजिशकर्ता बताया और कहा कि ऐसे लोगों के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता। उन्होंने 9 मई को पाकिस्तान के इतिहास का सबसे काला दिन कहा। बीते साल 9 मई को पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (PTI) के मुखिया इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद देश भर में दंगे भड़क उठे थे। इमरान खान के समर्थकों ने सेना के प्रतिष्ठानों समेत सार्वजनिक सम्पत्तियों पर हमला किया था।
इमरान खान को बताया दंगों का साजिशकर्ता
पाकिस्तानी सेना की प्रचार शाखा आईएसपीआर की तरफ से जारी बयान के अनुसार, जनरल मुनीर ने कहा, 'निस्संदेह 9 मई पाकिस्तान के इतिहास में एक काला दिन रहेगा जब जानबूझकर प्रेरित और चालबाज तरीके से निर्देशित उपद्रवियों ने देश और राष्ट्रीय एकता के प्रतीकों पर हमला किया, शहीदों के स्मारकों को अपमानित किया। इन विरोध प्रदर्शनों के साजिशकर्ता बेशर्मी के साथ एक कहानी रचकर घृणित प्रयास में देश को फंसाने की कोशिश कर रहे थे।' उन्होंने आगे कहा, यही मानसिकता वजह है कि हमारे इतिहास के काले अध्याय के साजिशकर्ताओं के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता है।
दुनिया भर में पाकिस्तान का उड़ा मजाक
जनरल मुनीर ने स्वीकार किया कि 9 मई की हिंसा के चलते पाकिस्तान का दुनिया भर में बदनामी हुई थी और देश के विरोधियों को उसका मजाक उड़ाने का मौका मिला था। बयान में आर्मी चीफ के हवाले से कहा गया, 'जो असली नेता अब खुद को पीड़ित के रूप में पेश कर रहे हैं, उन्हें अपने कामों (हिंसा में शामिल होने) के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा।' उन्होंने दावा किया कि इन नेताओं के खिलाफ संगठित हिंसा और तोड़फोड़ में शामिल होने के पूरे सबूत हैं। सेना प्रमुख ने कहा, किसी को भी शहीदों, उनके परिवारों या सेना का अपमान करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
9 मई को क्या हुआ था?
पिछले साल 9 मई को 19 करोड़ पाउंड के भ्रष्टाचार के मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद उनके समर्थकों ने सड़कों पर उतरकर हिंसा शुरू कर दी थी। रावलपिंडी समेत महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले हुए थे। इसके बाद की गई कार्रवाई में हजारों पीटीआई कार्यकर्ताओं समेत लगभग पूरे शीर्ष नेतृत्व को गिरफ्तार कर लिया गया था, जिनमें से कई अभी भी गंभीर आरोपों के तहत अदालती कार्यवाही का सामना कर रहे हैं। हालांकि, इमरान खान को कुछ समय बाद रिहा कर दिया था, लेकिन उन्हें दूसरे मामले में गिरफ्तार कर लिया गया, जिसके बाद से वह जेल में बंद हैं।
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