पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने उम्मीद जताई है कि भारत में लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद दोनों देशों के रिश्ते सुधर सकते हैं। इस्लामाबाद में नेशनल असेंबली के बाहर मीडिया से बातचीत के दौरान रक्षा मंत्री ने कहा, "वहां चुनाव होने के बाद हमारे रिश्ते बेहतर हो सकते हैं। भारत-पाक संबंधों का अपना एक खास इतिहास रहा है।"
पिछले 10 दिन में यह दूसरा मौका है, जब पाकिस्तान ने भारत से रिश्ते सुधारने के संबंध में बयान दिया है। इससे पहले 23 मार्च को पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा था कि पाकिस्तान का व्यापारिक समुदाय भारत के साथ व्यापार बहाल करना चाहता है। सरकार मामले से जुड़े लोगों से सलाह लेकर सभी प्रस्तावों की समीक्षा के बाद निर्णय लेगी।
हालांकि, इसके कुछ दिन बाद ही पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने भारत के साथ व्यापार शुरू होने की संभावनाओं से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था, "2019 में भारत ने जम्मू-कश्मीर में गैरकानूनी तरह से आर्टिकल 370 हटा दिया था। तब से भारत-पाक के बीच कोई व्यापारिक रिश्ते नहीं है। पाकिस्तान आज भी अपने इस रुख पर कायम है।"
पाकिस्तान बोला- हमने हमेशा अफगानिस्तान के लिए कुर्बानी दी
दूसरी तरफ, अफगानिस्तान से रिश्तों पर बात करते हुए ख्वाजा आसिफ ने कहा, "मैंने एक डेलिगेशन के साथ अफगानिस्तान की यात्रा की थी। हमने तालिबान सरकार से आतंकवाद रोकने के लिए सही कदम उठाने की अपील की। लेकिन उन्होंने जो हल सुझाया उसे लागू करना मुमकिन नहीं है।"
ख्वाजा आसिफ ने कहा, "अफगानिस्तान की सरकार के रवैये के बाद पड़ोसी देशों के साथ संबंध को लेकर हमारे विकल्प दिनों-दिन कम होते जा रहे हैं। हमने हमेशा अफगानिस्तान का साथ दिया, उनके साथ जंग लड़ी और कुर्बानी दी।"
पाकिस्तान से अब भी समुद्री रास्तों से व्यापार हो रहा
फरवरी 2024 में भारत सरकार ने बताया था कि पाकिस्तान के साथ थोड़ा व्यापार अब भी हो रहा है। ये समुद्री रास्तों से हो रही है। पड़ोसी देश ने सिर्फ जमीनी सीमा के जरिए होने वाले इंपोर्ट-एक्सपोर्ट को एकतरफा तरीके से रोका था।
कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में कहा था- पहले अटारी-वाघा बॉर्डर और कराची बंदरगाह के जरिए व्यापार होता था। अब जमीनी रास्ते से कोई व्यापार नहीं हो रहा है। लेकिन कुछ व्यापार समुद्र और हवाई मार्ग से हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान अन्य एशियाई देशों के जरिए भारत का सामान खरीद रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 370 हटाने के फैसले को बरकरार रखा
पिछले साल 11 दिसंबर को भारत के सुप्रीम कोर्ट ने कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए सरकार के फैसले को बरकरार रखा था। SC ने कहा था कि आर्टिकल 370 अस्थायी था। जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। राष्ट्रपति को यहां के फैसले लेने का पूरा अधिकार है। इसके साथ ही राज्य में सितंबर 2024 तक चुनाव कराने का आदेश भी दिया गया है।
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया था। साथ ही राज्य को 2 हिस्सों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया था। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 23 याचिकाएं दाखिल हुई थीं। 5 जजों की बेंच ने सभी याचिकाओं की एक साथ सुनवाई की थी।
आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध बेहद खराब हो गए थे। उस वक्त पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान थे। उन्होंने कहा था कि जब तक जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाल नहीं किया जाएगा, तब तक भारत से कोई बातचीत नहीं होगी। इधर, भारत ने भी कहा था कि जब तक आतंकियों पर कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक बातचीत का सवाल ही नहीं।