इंग्लैंड के खिलाफ धर्मशाला टेस्ट से डेब्यू करने वाले देवदत्त पडिक्कल ने कहा है- 'मुझे बीती रात संदेश मिला था कि मैं खेल सकता हूं। मैं नर्वस था। यह मुश्किल रात थी, लेकिन इसके साथ ही आप इसका आनंद भी लेते हो। आपको इसी दिन का इंतजार रहता है। पडिक्कल ने रजत पाटीदार के चोटिल होने के बाद टेस्ट डेब्यू मिला।
वे पिछले 2 साल से ज्यादा समय से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के कारण अपना बेस्ट नहीं दे पा रहे थे, लेकिन इन परिस्थितियों ने उनका खेल के प्रति लगाव बढ़ाया। पडिक्कल ने 2021 में श्रीलंका के खिलाफ टी-20 मैच से इंटरनेशनल क्रिकेट में पदार्पण किया था, लेकिन कोरोना वायरस से संक्रमित होने और पेट संबंधी बीमारी के कारण खास प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे।
पडिक्कल की मुख्य बातें
पडिक्कल ने दूसरे दिन स्टंप्स के बाद कहा- 'मेरा हमेशा से मानना रहा है कि आप जो भी काम करते हो उसमें सफलता के लिए अनुशासन होना बेहद जरूरी है। फिर चाहे वह अभ्यास हो या दैनिक जीवन की आदतें या फिर भोजन। मैंने अनुशासित रहने का प्रयास किया और यही मेरा मुख्य लक्ष्य था।'
बीमारी के दौरान मैं बहुत कुछ नहीं कर सका, लेकिन फिर भी मैं चाहता था कि मैं अन्य क्षेत्रों में पीछे ना रहूं। मैंने खुद पर काम जारी रखा, फिर चाहे वह मानसिक हो या फिर छोटी -छोटी चीजें।'
तकनीकी तौर पर मैंने कुछ बदलाव किए, लेकिन मानसिक तौर पर भी मैंने बदलाव किए। मैं यह निश्चित करने की कोशिश की कि मैं खेल का पूरा लुत्फ उठाऊं। पिछले दो वर्षों में मैंने बहुत अधिक क्रिकेट नहीं खेली और तब मुझे एहसास हुआ कि इस खेल से मेरा कितना गहरा लगाव है और मुझे इसकी कितनी कमी खल रही है।
डेब्यू मैच की अर्धशतकीय पारी में 10 चौके लगाने वाले पडिक्कल ने कहा- 'मैंने प्रत्येक चौके का पूरा आनंद लिया, लेकिन पहले चौके का मैंने भरपूर आनंद उठाया, क्योंकि यह टेस्ट क्रिकेट में मेरा पहला रन था।'
65 रन की पारी में 10 चौके जमाए
इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच की पहली पारी में पडिक्कल ने 65 रन की लाजवाब पारी खेली। इस पारी में 10 चौके और एक छक्का शामिल है।