निखत जरीन हैं सबसे बड़ी दावेदार
राजकुमार सांगवान ने आगे कहा, 'भारत की ओर से निखत सबसे बड़ी दावेदार हैं। वह बॉक्सिंग में भारतीय पदक का रंग बदल सकती हैं। मैं मानता हूं कि उनकी सफलता में शिक्षा ने अहम भूमिका निभाई है। वह सीखती बहुत जल्दी हैं। वह परिस्थितियों के साथ-साथ अपने खेल को अच्छी तरह ढालती हैं। उनकी हाइट अच्छी है। इसका फायदा भी मिलता है। भारतीय दल में तोक्यो की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट लवलीना भी हैं। वह भी पदक की दौड़ में हैं। वह सिर्फ दो जीत से पदक पक्का कर सकती हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें रिंग के अंदर अपना जज्बा बनाए रखना होगा। वह बहुत प्रतिभाशाली हैं मगर कई बार बहुत जल्दी संतोष कर लेती हैं। इस पर उन्हें काम करना होगा। थोड़े से ही संतुष्ट होने की बजाए उनको अपने अंदर की भूख और बढ़ानी होगी। पुरुषों के वर्ग में जहां अमित अपने अनुभव से कुछ कमाल कर सकते हैं वहीं युवा निशांत देव अपने जोश से छाप छोड़ सकते हैं।'
राजकुमार सांगवान ने आगे कहा, 'भारत की ओर से निखत सबसे बड़ी दावेदार हैं। वह बॉक्सिंग में भारतीय पदक का रंग बदल सकती हैं। मैं मानता हूं कि उनकी सफलता में शिक्षा ने अहम भूमिका निभाई है। वह सीखती बहुत जल्दी हैं। वह परिस्थितियों के साथ-साथ अपने खेल को अच्छी तरह ढालती हैं। उनकी हाइट अच्छी है। इसका फायदा भी मिलता है। भारतीय दल में तोक्यो की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट लवलीना भी हैं। वह भी पदक की दौड़ में हैं। वह सिर्फ दो जीत से पदक पक्का कर सकती हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें रिंग के अंदर अपना जज्बा बनाए रखना होगा। वह बहुत प्रतिभाशाली हैं मगर कई बार बहुत जल्दी संतोष कर लेती हैं। इस पर उन्हें काम करना होगा। थोड़े से ही संतुष्ट होने की बजाए उनको अपने अंदर की भूख और बढ़ानी होगी। पुरुषों के वर्ग में जहां अमित अपने अनुभव से कुछ कमाल कर सकते हैं वहीं युवा निशांत देव अपने जोश से छाप छोड़ सकते हैं।'