भारत के हथियार ही नहीं, समुद्री खजाने पर चीन की नजर, श्रीलंका से जासूसी कर रहे पीएलए के महाशक्तिशाली जहाज
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08-11-2023 01:41 PM
कोलंबो: हाल के दिनों में चीन के कुछ जासूसी जहाजों ने श्रीलंका की यात्रा की है। अब इन जहाजों के श्रीलंका पहुंचने का असली मकसद सामने आ रहा है। श्रीलंका में चीनी जासूसी जहाजों की यात्राओं के पीछे भारत में छिपा वह खजाना है, जिस पर ड्रैगन की नजरें गड़ी हुई हैं। बार-बार इन जहाजों के कोलंबों पहुंचने का मकसद दक्षिणी भारत में महत्वपूर्ण रणनीतिक संपत्तियों के बारे में जानकारी जुटाना और क्षेत्र में भारत की भूमिका के बारे में जानकारी इकट्ठा करने की एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है। साथ ही साथ अब चीन मुन्नार की खाड़ी में स्थित पारिस्थितिक और खनिज खजाने के बारे में भी कई राज जुटा रहा है।
श्रीलंका ने टेके घुटने चीनी रणनीति को समझने वाले विशेषज्ञों की मानें तो श्रीलंकाई जलक्षेत्र में इन जासूसी जहाजों के माध्यम से चीनी गतिविधियों का एक पैटर्न है। श्रीलंका इस समय चीन के कर्जे में दबा हुआ है और इस मजबूरी के आगे उसने दबाव में आगे घुटने टेक दिए हैं। श्रीलंका के द्विपक्षीय ऋण में 52 फीसदी कर्ज चीन का है। श्रीलंका द्वारा अपने बकाया ऋणों के पुनर्गठन के किसी भी प्रयास के लिए चीन की मंजूरी महत्वपूर्ण है।चीन अपने युद्धपोतों और अन्य जहाजों में ईंधन भरने के लिए हंबनटोटा बंदरगाह का भी उपयोग कर रहा है। ऐसे में किसी भी समय ये जहाज पश्चिमी-पूर्वी और दक्षिणी हिंद महासागर क्षेत्रों में आ जाते हैं। इसलिए ही भारत इस मामले को लेकर खासा चिंतित है। उसकी तरफ से लगातार मामले को कोलंबो के सामने उठाया जा रहा है। श्रीलंका ने भी भरोसा जताया है कि वह भारत के रणनीतिक हितों से समझौता नहीं होने देगा।
मुन्नार की खाड़ी का खजाना मुन्नार की खाड़ी तीन अलग-अलग तटीय पारिस्थितिक तंत्रों, मूंगा चट्टान, समुद्री घास और मैंग्रोव से संपन्न है। इसे समुद्री जैव विविधता के दृष्टिकोण से दुनिया के सबसे समृद्ध क्षेत्रों में से एक माना जाता है। यह क्षेत्र अपनी अद्वितीय जैविक संपदा के लिए भी मशहूर है। साथ ही यहां पर वैश्विक महत्व वाली समुद्री विविधता का भंडार है। खाड़ी में कई हजार साल पुराने पौधों और जानवरों की 4223 प्रजातियां हैं। इस वजह से ही यह भारत का सबसे समृद्ध तटीय क्षेत्रों में बन जाता है। मुन्नार बेसिन दक्षिणी भारत और उत्तर-पश्चिमी श्रीलंका के बीच स्थित है। माना जाता है कि यहां पर करीब 260 अरब डॉलर की कीमत वाले तेल और गैस के संसाधन हो सकते हैं।
जब मिला गैस और तेल का भंडार साल 2011 में मुन्नार बेसिन में पहली बार एक प्राकृतिक गैस क्षेत्र की खोज की गई थी। लेकिन कोलंबो ने अभी तक इस खजाने का उपयोग नहीं किया है। कहते हैं कि यह खजाना संभावित रूप से अगले 60 वर्षों के लिए श्रीलंका की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है। पिछले हफ्ते, श्रीलंका ने कहा कि उसने एक चीनी जहाज को द्वीप के पश्चिमी तट पर निगरानी में समुद्री अनुसंधान करने के लिए 48 घंटे का समय दिया था। भारत की चिंताओं के बावजूद कि यह एक जासूसी जहाज हो सकता है। श्रीलंका के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता कपिला फोंसेका ने कहा था कि चीनी रिसर्च जहाज शी यान 6, 25 अक्टूबर से कोलंबो में है। इसे दो दिनों तक काम करने की मंजूरी दी गई थी। इससे पहले, श्रीलंका ने जहाज को रि-फ्यूलिंग के लिए कोलंबो के मेन पोर्ट में प्रवेश करने की अनुमति दी थी।
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