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हथियारबंद ट्रेन से रूस पहुंचे उत्‍तर कोरिया के तानाशाह, जानें क्‍यों प्‍लेन से नहीं चलते हैं किम जोंग उन

Updated on 12-09-2023 06:28 PM
प्‍योंगयांग: उत्‍तर कोरिया के तानशाह रूस के व्‍लादिवोस्‍तोक पहुंच चुके हैं। किम जो बहुत कम ही उत्‍तर कोरिया के बाहर जाते हैं, एक बार फिर अपनी ट्रेन से रूस से पहुंचे हैं। सोमवार को पीले रंग की पट्टी वाली गहरे हरे रंग की ट्रेन को उस सीमा पर देखा गया जहां रूस, चीन और उत्तर कोरिया मिलते हैं। इसके खास रंग की वजह से यह ट्रेन और भी ज्‍यादा अनोखी हो जाती है। किम प्‍लेन से भी बहुत कम सफर करते हैं और वह सिर्फ अपनी इसी बख्‍तरबंद ट्रेन से ही सफर करना पसंद करते हैं। किम की इस ट्रेन को पटरियों पर दौड़ता हुआ किला कहा जाता है।

किम के पास हैं तीन ट्रेनें
किम के पिता और उनके दादा भी ट्रेन से ही सफर करते थे। किम चार साल से ज्‍यादा समय के बाद उत्‍तर कोरिया के बाहर पहली ज्ञात यात्रा पर गए हैं। वह इस बार रूस के राष्‍ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता करने वाले हैं। किम की ट्रेन को समझ पाना बहुत ही मुश्किल है। साल 2009 में, दक्षिण कोरिया में चोसुन मीडिया आउटलेट ने किम के पिता, किम जोंग इल के द्वारा इस्तेमाल की जा रही ट्रेन पर एक आर्टिकल जारी किया था। इस आर्टिकल में अनुमान लगाया था कि इसके इंजन में करीब 90 कारों का बोझ संभालने की क्षमता है। वर्तमान समय में यह क्षमता 21 कारों तक ही रह गई है। कुछ और रिपोर्ट्स से पता चलता है कि दो और ट्रेनें किम की मेन ट्रेन के साथ सफर करती हैं। एक ट्रेन आगे की पटरियों की जांच करने के लिए रवाना होती है तो दूसरी उनकी सिक्‍योरिटी टीम को साथ ले जाती है।

स्‍टालिन ने की थी गिफ्ट
इस ट्रेन में किम के अफसरों के लिए बेडरूम और कॉन्‍फ्रेंस हॉल तक हैं। इसके इंटीरियर की कुछ तस्वीरें कुछ साल पहले आई थीं। लेकिन साल 2018 में जारी एक वीडियो में किम को गुलाबी सोफे पर एक ट्रेन कार में टॉप चीनी अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए दिखाया गया था। बुलेटप्रूफ साइडिंग के कारण यह ट्रेन बाकी मॉर्डन ट्रेनों की तुलना में बहुत कम स्‍पीड से चलती है। अनुमान लगाया गया है कि यह उत्तर कोरिया की पटरियों पर करीब 28 मील यानी 45 किलोमीट प्रति घंटे की गति से चलती है। जब यह चीन के रेल नेटवर्क पर चलती है तो इसकी स्‍पीड कुछ बढ़ जाती है। ट्रेन से यात्रा करने की किम परिवार की रुचि उत्तर कोरिया के संस्थापक किम इल सुंग से शुरू हुई थी। उस समय सोवियत संघ के नेता जोसेफ स्टालिन ने एक ट्रेन उन्‍हें गिफ्ट की थी।

ट्रेन में हुई थी पिता की मौत

उनके बेटे, किम जोंग इल, प्‍लेन में सफर करने से डरते थे और ट्रेन से यात्रा करना पसंद करते थे। साल 2010 में, उनके पूर्व बॉडीगार्ड ने दक्षिण कोरियाई मीडिया को बताया कि उत्तर कोरिया के नेता को डर था कि अगर वह प्‍लेन से यात्रा करेंगे तो उनके दुश्मन उन्हें गोली मार देंगे। अगले ही साल यानी 2011 में किम की हार्टअटैक से मृत्यु हो गई। उत्तर कोरियाई सरकारी मीडिया की मानें तो जब उनकी मृत्यु हुई तो वह ट्रेन में थे। किम जोंग उन ने पारिवारिक परंपरा को जारी रखा है। साल 2019 में किम ने तत्कालीन अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ दूसरी मीटिंग की। इस मीटिंग के लिए वह बख्‍तरबंद ट्रेन से वियतनाम पहुंचे थे। ट्रेन में चीन से करीब 4,500 किलोमीटर की यात्रा की और इसमें ढाई दिन लगे थे।


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