नोएल टाटा की बेटियां रतन टाटा इंस्टीट्यूट के बोर्ड में शामिल, खुलकर सामने आए मतभेद
Updated on
09-01-2025 02:52 PM
नई दिल्ली: टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन नोएल टाटा की बेटियों माया और लीह को सर रतन टाटा इंडस्ट्रियल इंस्टीट्यूट (SRTII) के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज में शामिल किया गया है। यह सर रतन टाटा ट्रस्ट का एक सबसेट है जो ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के दो प्रमुख शेयरधारकों में से एक है। माया और लीह टाटा ने अरनाज कोटवाल और फ्रेडी तलाटी की जगह ली है। इन दोनों ने एसआरटीआईआई के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही नोएल टाटा के बच्चे सभी छोटे आकार के टाटा ट्रस्ट्स के बोर्ड में शामिल हो गए हैं। उन्हें अभी दो मुख्य ट्रस्टों सर रतन टाटा ट्रस्ट एंड अलाइड ट्रस्ट्स और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और अलाइड ट्रस्ट्स में शामिल किया जाना बाकी है।
लीह (39), माया (36) और नेविल (32) नोएल टाटा के तीन बच्चे हैं। नोएल टाटा दिवंगत रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। उन्हें अक्टूबर 2024 में टाटा ट्रस्ट्स का चेयरमैन नियुक्त किया गया था। ट्रस्टीज में बदलाव ने आंतरिक मतभेद पैदा कर दिया है। एक निवर्तमान ट्रस्टी अरनाज कोटवाल ने साथी ट्रस्टियों को पत्र लिखकर इस पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि नए ट्रस्ट्रीज को लाने के लिए जिस तरह से उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहा गया, वह सही नहीं था।
अरनाज की नाराजगी
अरनाज ने साथी ट्रस्टीज को लिखे पत्र में लिखा, 'चूंकि मैं अब दुबई में हूं और काफी सोच-विचार के बाद मैंने बुर्जिस के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। लेकिन मुझे बहुत दु:ख हुआ कि आप में से किसी ने भी इस मामले के बारे में मुझसे सीधे बात करने के लिए संपर्क नहीं किया। मुझे इस बात से हैरानी हुई कि सीईओ सिद्धार्थ शर्मा के गाइडेंस में एक अजनबी ने मुझसे संपर्क किया। इन दोनों का SRTII से कोई संबंध नहीं है।' बुर्जिस तारापोरवाला टाटा ट्रस्ट्स में एग्जीक्यूटिव हैं और सिद्धार्थ शर्मा सीईओ हैं। तारापोरवाला को भेजे गए एक अलग ईमेल में उन्होंने कहा कि नोएल टाटा की ओर से तारापोरवाला ने उन्हें रिजाइन देने को कहा है और इसलिए वह इस्तीफा दे रही हैं। उन्होंने कहा कि इस बारे में मेहली मिस्त्री का फोन भी उन्हें फोन आया है। टाटा ट्रस्ट्स ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। मामले से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि सर रतन टाटा इंडस्ट्रियल इंस्टीट्यूट के ऑपरेशन से करीब से जुड़ी लीह और माया टाटा को हाल ही में सर रतन टाटा ट्रस्ट (एसआरटीटी) के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज में नामित किया गया था। एसआरटीटी को एसआरटीआईआई के ट्रस्ट डीड के अनुसार उसके छह बोर्ड सदस्यों में से तीन को नामित करने का अधिकार है।
क्या करता है ट्रस्ट
उन्हें फ्रेडी तलाटी और अरनाज कोटवाल के स्थान पर शामिल किया गया है। फ्रेडी तलाटी अभी एनसीपीए के साथ हैं और उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। अरनाज कोटवाल दुबई से वीएफएस ग्लोबल के साथ काम कर रही हैं। एसआरटीआईआई का व्यापक अपग्रेडेशन किया जा रहा है। इसे देखते हुए एसआरटीटी ट्रस्टी ऐसे नॉमिनी चाहते थे जिन्हें एसआरटीआईआई में काम करने का अनुभव है तथा जो रेगुलर रूप से मुंबई में रहते हैं। एसआरटीआईआई की स्थापना 1928 में लेडी नवाजबाई टाटा तथा स्त्री जरथोस्त्री मंडल ने गरीब महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए की थी। संस्थान ने कुकिंग, सिलाई, कढ़ाई तथा मोंटेसरी शिक्षक प्रशिक्षण यूनिट में महिलाओं के लिए संस्थान बनाए हैं।
अधिकारी ने कहा कि लीह तथा माया की नियुक्ति का निर्णय एसआरटीटी बोर्ड द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया। इसमें नोएल टाटा, विजय सिंह, वेणु श्रीनिवासन, डेरियस खंबाटा, जहांगीर एच. जहांगीर तथा मेहली मिस्त्री शामिल थे। एसआरटीआईआई के बोर्ड में अन्य ट्रस्टियों में फरीदा टाटा, आलू टाटा, मेहनोश कपाड़िया तथा धन खुसरोखान शामिल हैं। छोटे ट्रस्टों में नई पीढ़ी की भागीदारी से उनके ग्रुप लेवल पर बड़ी भूमिकाओं के लिए तैयार होने की उम्मीद है।
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