ब्रिटेन में रहने वाले हिंदुओं में भारतवंशी प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के प्रति नाराजगी बढ़ रही है। सुनक सरकार भारतीय पुजारियों को वीजा जारी नहीं कर रही। इससे ब्रिटेन के लगभग 500 में से 50 मंदिर बंद हो चुके हैं। तमाम मंदिरों में कई सारे काम बंद कर दिए गए हैं।
दरअसल ब्रिटेन में करीब 20 लाख भारतीय हिंदू रहते हैं, जिनके लिए पुजारी महत्वपूर्ण होते हैं। पुजारी मंदिरों में सेवा कार्य के साथ-साथ भारतीयों के गृह प्रवेश और विवाह समारोह भी संपन्न कराते हैं।
बर्मिंघम में लक्ष्मीनारायण मंदिर के सहायक पुजारी सुनील शर्मा का कहना है कि सुनक सरकार से उम्मीद थी कि वीजा जारी करने की प्रक्रिया में तेजी आएगी। हिंदू होने के नाते ऋषि सुनक हमारी समस्याओं को समझेंगे, लेकिन सरकार ऐसा करने में अब तक विफल ही रही है।
संयुक्त मंदिर समूह ने कहा- भेदभाव हो रहा है
संयुक्त मंदिर समूह ने भास्कर को बताया कि विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली के समक्ष इस मुद्दे को उठाया गया है। लेबर पार्टी के वरिष्ठ सांसद गैरेथ थॉमस ने भी गृहमंत्री को पत्र लिखकर टियर 5 धार्मिक कार्यकर्ता वीजा की प्रक्रिया को तेज करने की मांग की है।
कहीं परमिट की गलत तारीख, तो कहीं गलत अनुवाद
राम मंदिर, बर्मिंघम: पुजारी का बायोमेट्रिक रेजिडेंस परमिट (बीआरपी) में वीजा एक्सपायरी की गलत तारीख अंकित थी। 6 लाख फीस भी चुकाई, लेकिन इसे ठीक नहीं किया गया। नतीजन पुजारी को समयपूर्व ब्रिटेन से जाना पड़ा।
लक्ष्मीनारायण मंदिर, बर्मिंघम: पुजारी का वीजा जारी नहीं हुआ तो मंदिर को बंद करना पड़ा। शिकायत करने के बाद पुजारी का वीजा जारी हुआ, लेकिन उनकी पत्नी को बिना कारण बताए वीजा जारी नहीं किया।
श्रीजीधाम हवेली, लेस्टर: सिंतबर 2023 में पुजारी का गुजराती में इंटरव्यू हुआ लेकिन वीजा दफ्तर को गलत अनुवाद भेजा गया, जिसके कारण वीजा जारी नहीं किया गया। विदेश विभाग ने मूल गुजराती में कॉपी मंगवाई है।
2 साल का होता है टियर-5 धार्मिक वीजा
ब्रिटेन में पुजारी के लिए टियर-5 धार्मिक वीजा जारी होता है। यह अस्थायी वीजा होता है। वीजा अवधि खत्म होने से 6 महीने पहले ही मंदिर समिति नए पुजारी के लिए वीजा ऐप्लिकेशन शुरू कर देती है, लेकिन ज्यादातर मामलों में क्लियरेंस नहीं मिलता। भारतीयों की मांग है कि टियर-5 धार्मिक वीजा को दो से बढ़ाकर 3 साल का किया जाए।