निशांत देव ने बैंकॉक पर चल रहे मुक्केबाजी ओलिंपिक क्वालिफायर्स के सेमीफाइनल में पहुंचकर ओलिंपिक गेम्स का टिकट हासिल कर लिया है। वे पेरिस में होने वाले गेम्स का कोटा हासिल करने वाले पहले भारतीय मेंस बॉक्सर बन गए है।
वर्ल्ड चैंपियनशिप के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट निशांत पिछले क्वालिफायर्स में मामूली अंतर से कोटा हासिल करने से चूक गए थे। इस बार उन्होंने 71 किग्रा वेट कैटेगरी में क्वार्टर फाइनल में मोल्दोवा के वासिल सेबोटारी को 5-0 से हराया। इस कैटेगरी में 5 कोटा दांव पर लगे थे।
भारत ने इस तरह से मुक्केबाजी में ओलिंपिक के लिए चौथा कोटा स्थान हासिल किया। निशांत से पहले महिला मुक्केबाज निखहत जरीन (50 किग्रा), प्रीत पवार (54 किग्रा) और लवलीना बोरगोहेन (75 किग्रा) कोटा हासिल कर चुकी हैं।
पेरिस गेम्स के लिए भारत का 61वां कोटा
निशांत के सेमीफाइनल में पहुंचने के साथ ही भारत के नाम पेरिस ओलिंपिक का 61वां कोटा हासिल किया। अब तक सबसे ज्यादा कोटा शूटिंग में मिले हैं।
आक्रामक रणनीति से जीता मुकाबला
निशांत ने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में आक्रामक रणनीति अपनाई और 5-0 की जीत हासिल की। टूर्नामेंट में दबदबा बनाए रखने वाले निशांत ने फिर से आक्रामक शुरुआत की और शुरू से ही प्रतिद्वंद्वी पर दनादन मुक्के बरसाने शुरू कर दिए। हालांकि, सेबोटारी ने दूसरे राउंड में हावी होने की कोशिश की लेकिन भारतीय मुक्केबाज ने सटीक मुक्के जड़ना जारी रखा।
तीसरे और अंतिम राउंड में दोनों मुक्केबाज थके हुए नजर आए, लेकिन निशांत ने तब भी अपनी आक्रामकता बनाए रखी। निशांत के नीचे गिरने पर सेबोटारी ने उन पर मुक्का जड़ा, जिसके लिए उन्हें एक अंक भी गंवाना पड़ा।
अंकुशिता बोरो की हार से उम्मीदें टूटी
अंकुशिता बोरो की एग्नेस एलेक्सियसन से 2-3 से हार के साथ ही भारत की महिलाओं के 60 किग्रा भार वर्ग में ओलिंपिक कोटा हासिल करने की उम्मीदें भी समाप्त हो गई। भारत की 23 वर्षीय खिलाड़ी ने अपनी स्वीडिश प्रतिद्वंदी के सामने कड़ी चुनौती पेश की, लेकिन यूरोपीय खेलों की पूर्व पदक विजेता खिलाड़ी ने अपने अनुभव के दम पर बोरो को बाहर का रास्ता दिखा दिया।
पूर्व वर्ल्ड यूथ चैंपियन बोरो ने स्लो स्टार्ट किया, लेकिन पहले राउंड के आखिर में उन्होंने लय हासिल कर ली थी, जिससे वह एक जज को अपने पक्ष में करने में सफल रही। पहले राउंड में 1-4 से पिछड़ने के बाद बोरो ने दूसरे राउंड में आक्रामक शुरुआत की और कुछ करारे मुक्के जमाए। स्वीडन की 28 वर्षीय खिलाड़ी एलेक्सियसन के पास उनका कोई जवाब नहीं था।
दोनों ने एक समान रिजल्ट के साथ तीसरे राउंड में प्रवेश किया। भारतीय खिलाड़ी ने अच्छी शुरुआत की, लेकिन वह इसे बरकरार नहीं रख पाई जबकि एलेक्सियसन ने अंत में अच्छा प्रदर्शन किया।