हत्या के आरोप में यमन की जेल में बंद निमिषा प्रिया की मां को दिल्ली हाई कोर्ट ने यमन जाने की इजाजत दे दी है।
अब निमिषा की मां उसे बचाने के लिए वहां जाकर ब्लड मनी सैटलमेंट करेंगी। यानी बेटी की जान बचाने के लिए मां मारे गए शख्स के परिवार को मुआवजा देकर मामले को सुलझाने और निमिषा की सजा माफ करवाने की कोशिश करेंगी।
कई इस्लामी देशों में यह कानून है कि मारे गए (हत्या के जरिए) शख्स का परिवार दोषी के परिवार से पैसा लेकर माफी दे सकता है। इसे ही ब्लड मनी कहा जाता है। अगर दोनों पक्षों में समझौता हो जाता है तो इसकी जानकारी वहां की अदालत को एफिडेविट के जरिए देनी होती है। इसके बाद कोर्ट दोषी की सजा माफ करते हुए उसकी रिहाई का आदेश देता है।
7 साल से जेल में कैद भारतीय महिला
भारतीय नर्स निमिषा प्रिया 7 साल से यमन जेल में कैद है। वह केरल की रहने वाली हैं। निमिषा ने यमन में अपने बिजनेस पार्टनर की हत्या की थी। 2017 में उन्हें तलाल अब्दो मेहदी नाम के शख्स को कथित रूप से बेहोशी का इंजेक्शन देकर मारने का दोषी पाया गया था। कोर्ट ने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट में सजा के खिलाफ अपील दायर की गई, जिसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद से निमिषा की मां यमन जाकर उसे बचाने की कोशिशों में लगी गईं।
विदेश मंत्रालय ने कहा था- यमन जाना खतरनाक
निमिषा की मां ने नवंबर में दिल्ली हाई कोर्ट में यमन जाने के लिए अर्जी दी थी। इसके बाद कोर्ट ने विदेश मंत्रालय को उनकी यात्रा पर विचार करने का निर्देश दिया था। 2 दिसंबर को भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि सुरक्षा के लिहाज से यमन जाना ठीक नहीं है, क्योंकि फिलहाल वहां भारतीय राजनयिक उपस्थित नहीं हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा था- यमन में सिविल वॉर के कारण भारतीय दूतावास को जिबूती में शिफ्ट किया गया है। साथ ही राजधानी सना में बनी नई व्यवस्था के साथ हमारे कोई औपचारिक संबंध नहीं हैं। इसलिए वहां हमारा डिप्लोमैटिक प्रेजेंस नहीं है। ऐसे में हम चिंतित हैं कि आपकी (मां) देखभाल और सुरक्षा कौन सुनिश्चित करेगा। आपकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आपको यमन जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
इस मामले पर एक नजर