मास्को । वैश्विक महामारी कोविड-19 के कहर से जूझ रही दुनिया के लिए कोरोना वैक्सीन को लेकर रूस से एक राहत भरी खबर आ रही है। अगस्त में दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक-वी का पंजीकरण कर कई देशों को चौंका देने वाले रूस ने दूसरी वैक्सीन को लेकर भी अच्छी खबर दी है। एपिवैक कोरोना नाम की इस वैक्सीन के शुरुआती क्लिनिकल ट्रायल सफल साबित हुए हैं। साइबेरिया स्थित रूस के टॉप सिक्रेट विषाणु विज्ञान अनुसंधान केंद्र वेक्टर ने एक समाचार एजेंसी को इस बारे में जानकारी दी। वेक्टर के मीडिया विभाग ने समाचार एजेंसी इंटरफेक्स को बताया कि क्लिनिकल ट्रायल के पहले दो चरणों में वैक्सीन सफल साबित हुई है। वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ असरदार भी है और सुरक्षित भी। वेक्टर ने कहा है कि क्लिनिकल ट्रायल के दौरान प्रतिरक्षा प्रक्रिया को ट्रिगर करनेवाले पेप्टाइड्स के आधार पर इस वैक्सीन के प्रभाव के बारे में अंतिम निष्कर्ष निकालना संभव होगा।
रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराशको ने इसी हफ्ते राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा कि तीन सप्ताह में मंत्रालय द्वारा वेक्टर इंस्टिट्यूट के टीके को मंजूरी दी जा सकती है। वेक्टर संस्थान ने कहा है कि पंजीकरण होने के बाद साइबेरिया में 5,000 स्वयंसेवकों पर अंतिम क्लिनिकल ट्रायल होगा। एपिवैक कोरोना वैक्सीन विकसित करने वाले वेक्टर संस्थान ने कहा है कि सामान्य ट्रायल से अलग एक अलग क्लिनिकल ट्रायल भी होगा, जिसमें 60 वर्ष से अधिक आयु वाले करीब 150 स्वयंसेवक सहभागी होंगे। इसके जरिए यह पता लगाया जाएगा कि बुजुर्गों पर वैक्सीन कितनी प्रभावी है और उनके लिए वैक्सीन की डोज क्या होगी। उसके बाद 18 से 60 साल के बीच के 5,000 रूसी स्वयंसेवकों पर प्लेसबो-नियंत्रित परीक्षण होगा।
इससे पूर्व एक समाचार एजेंसी हवाले से भी यह खबर आ रही थी कि रूस ने दूसरी वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल पूरा कर लिया है। रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि कहा कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ कारगर दूसरी वैक्सीन का भी पंजीकरण जल्द ही कर लिया जाएगा। संभवत: इसी महीने बड़ी खबर सामने आ सकती है। मालूम हो कि दो दो-घटक वैक्सीन है। पहले और दूसरे घटकों के बीच 21 दिन का अंतराल रहता है। खबरों के मुताबिक, कंपनी ने पहली खेप में 10 हजार डोज बनाने की योजना बनाई है। इस वैक्सीन का उत्पादन नवंबर में शुरू होने की उम्मीद है।