भारतीय जनता पार्टी ने 195 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर विपक्षी गठबंधन ‘‘इंडिया‘‘ सहित अन्य राजनीतिक दलों पर मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाने का प्रयास किया है। वहीं कांग्रेस में टिकट की दौड़ में शामिल नेताओं को अभी कम से कम एक सप्ताह और मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में इंतजार करना पड़ सकता है। मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने अपने 24 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है जबकि पांच की घोषणा होना शेष है। चूंकि मध्यप्रदेश में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा चल रही है इसलिए कांग्रेस के टिकट के दावेदारों को या उन नेताओं को जिन्हें जबरन टिकट थमाये जायेंगे, अभी कम से कम एक सप्ताह तक और इंतजार करना पड़ सकता है।
जहां तक भाजपा का सवाल है उसने भी उन उम्मीदवारों को फिर से चुनाव मैदान में उतार कर एक प्रकार से चौंकाने की कोशिश की है जो पिछले विधानसभा चुनाव में विधायकी का चुनाव हार गये हैं। दो दर्जन सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा के बाद अब पांच सीटों पर और उम्मीदवार घोषित किया जाना शेष हैं यहां पर मौजूदा सांसदों के माथे पर चिन्ता की लकीरें नजर आना स्वाभाविक है कि उन्हें फिर से मौका मिलेगा या नहीं।
भाजपा हाईकमान सियासी समीकरण साधने से ज्यादा तीन सीटों पर महिला उम्मीदवार उतारने पर विचार कर रहा है, क्योंकि उसने अभी चार महिलाओं को ही उम्मीदवार बनाया है। महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण के हिसाब से अभी पांच सीटें मिलना शेष है, देखने वाली बात यही है कि इन बची सीटों में कितनी महिला उम्मीदवारों के खाते में जाती हैं। जिन सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा नहीं हुई उनमें कांग्रेस के कब्जे वाली इकलौती सीट छिंदवाड़ा सहित धार, इंदौर, उज्जैन और बालाघाट शामिल हैं।
जहां तक छिंदवाड़ा का सवाल है यहां पहले राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोरों से चली थी कि कांग्रेस के इकलौते सांसद नकुलनाथ भाजपा के चुनाव चिन्ह पर चुनाव मैदान में उतर सकते हैं और कमलनाथ भी भाजपा में जा सकते हैं। देर से ही सही लेकिन नकुलनाथ ने स्थिति साफ कर दी है कि वे कांग्रेस से ही चुनाव लड़ रहे हैं और कमलनाथ कहीं नहीं जा रहे हैं। राहुल की यात्रा में दो पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह सहित प्रदेश के सभी वरिष्ठ नेता शामिल हैं।
जहां तक छिंदवाड़ा का सवाल है इस सीट पर भाजपा चौंकाने की तैयारी कर रही है, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ के भाजपा में जाने की खबरों पर अवश्य ही विराम तो लग गया है लेकिन भाजपा ने अभी तक यहां से अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है इसलिए अटकलों का बाजार अभी भी गर्म है। वैसे 2019 के चुनाव में नकुलनाथ भी इतने भारी अंतर से चुनाव नहीं जीते कि भाजपा उसे पाट न सके।
अब देखने वाली बात यही होगी कि भाजपा किस प्रत्याशी पर दॉव लगाती है क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उनकी मनचाही पुरानी लोकसभा सीट विदिशा से उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। अन्य जिन चार सीटों पर भाजपा को घोषणा करना है उन पर उसकी मजबूत पकड़ रही है लेकिन धार लोकसभा सीट पर हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस वोट प्रतिशत के हिसाब से भाजपा से आगे रही है इसलिए यहां नया चेहरा आ सकता है। देखने वाली बात अब यही होगी कि सुमेर सिंह सोलंकी, मुकाम सिंह निगवाल और रंजना बघेल में से किस की लाटरी खुलती है या कोई नया चेहरा सामने आता है। जहां तक उज्जैन का सवाल है वहां से वही उम्मीदवार होगा जो मुख्यमंत्री मोहन यादव की पहली पसंद होगी। इंदौर में मौजूदा सांसद शंकर लालवानी के साथ ही भाजपा प्रवक्ता डॉ. दिव्या गुप्ता और पार्टी उपाध्यक्ष जीतू जिराती भी दावेदारी कर रहे हैं लेकिन ताई और भाई यानी पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन व नगरीय प्रशासन और विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय जिस नाम पर मिलकर सहमति देंगे उसे आसानी से टिकट मिल जायेगी।
बालाघाट सीट पर मौजूदा सांसद ढालसिंह बिसेन वैसे तो एक मजबूत उम्मीदवार हैं लेकिन फिर भी पूर्व मंत्री गौरी शंकर बिसेन की बेटी मौसम बिसेन और भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष वैभव पवार की भी दावेदारी है। पिछले विधानसभा चुनाव में मौसम को भाजपा ने टिकट दे दिया था लेकिन उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था इसलिए फिर से उनके पिता गौरी शंकर बिसेन को टिकट मिला और यह विधानसभा सीट कांग्रेस की झोली में चली गयी। अब देखने वाली बात यहीं होगी कि कांग्रेस अपनी झोली से कौन से नगीने निकालती है और भाजपा शेष पांच सीटों पर किसे अपना उम्मीदवार बनाती है।
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