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कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे में पास के 'गांववाले' हैं असली देवदूत, 1,200 जवान 200 एंबुलेंस 45 बचाव दल के बीच निभाई अहम भूमिका

Updated on 03-06-2023 06:43 PM
बालासोर: ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार शाम हुए कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे में मरने वालों की संख्‍या 238 के पार पहुंच गई है। कोरोमंडल एक्‍सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने और एक मालगाड़ी से टकराने के चलते यह हादसा इतना भयावह हो गया। हादसे में 900 से अधिक यात्री घायल हो गए। हादसे के बाद बचाव दल गैस टॉर्च और इलेक्ट्रिक कटर की मदद से रातभर रेलगाड़ियों के बीच फंसे जीवित लोगों और शवों को बाहर निकालने की कोशिश करते रहे। हालांक‍ि हादसे के फौरन बाद आसपास के गांव वाले असली देवदूत साब‍ित हुए। घटनास्‍थल पर पहुंचे ग्रामीणों ने ट्रेन में फंसे लोगों को न‍िकाला और ट्रैक्‍टर ट्रॉली आद‍ि से अस्‍पताल लेकर गए। इस दौरान मामूली रूप से घायलों को पानी प‍िलाकर और सुरक्ष‍ित जगह पर पहुंचाकर मदद की। उधर, भुवनेश्वर में अधिकारियों ने बताया कि 1,200 कर्मियों के अलावा 200 एंबुलेंस, 50 बस और 45 हेल्‍थ यून‍िट दुर्घटनास्थल पर काम कर रही हैं। शवों को ट्रैक्टर समेत अलग-अलग प्रकार के वाहनों में अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। ओडिशा के मुख्य सचिव पी के जेना ने ट्वीट किया क‍ि बालासोर ट्रेन हादसे में मृतक संख्या बढ़कर 238 हो गई है।


कोलकाता से करीब 250 किलोमीटर दक्षिण में बालासोर जिले के बाहानगा बाजार स्टेशन के पास शुक्रवार शाम को सात बजे के आसपास हुआ यह हादसा भारत का अब तक का चौथा सबसे भीषण हादसा है। रेल मंत्रालय ने इस दुर्घटना की जांच के आदेश दिए हैं। भारतीय रेलवे ने एक बयान में बताया कि इस ट्रेन दुर्घटना की जांच दक्षिण-पूर्व सर्किल के रेलवे सुरक्षा आयुक्त ए एम चौधरी करेंगे। रेलवे सुरक्षा आयुक्त नागर विमानन मंत्रालय के अधीन काम करता है। रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक, हावड़ा जा रही 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे बाहानगा बाजार में पटरी से उतर गए और दूसरी पटरी पर जा गिरे।

अधिकारी ने कहा क‍ि पटरी से उतरे ये डिब्बे 12841 शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए और इसके डिब्बे भी पलट गए। उन्होंने बताया कि चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतरने के बाद एक मालगाड़ी से टकरा गए, जिससे मालगाड़ी भी दुर्घटना की चपेट में आ गई। पटरी से उतरे डिब्बों के नीचे से शवों को निकालने के लिए गैस कटर का इस्तेमाल किया गया। आपदा प्रबंधन कर्मी और दमकल कर्मी शवों को निकालने की कोशिशों में जुटे हैं। एक यात्री ने कहा क‍ि दुर्घटना के दृश्य इतने वीभत्स हैं कि उन्हें शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।

इस दुर्घटना के बाद रेल पटरियां लगभग पूरी तरह से ध्वस्त हो गई हैं और रेलगाड़ियों के कुछ डिब्बे एक-दूसरे पर चढ़े हुए हैं, जबकि कुछ डिब्बे टकराने के कारण पलट गए हैं। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में ब्रह्मपुर के रहने वाले पीयूष पोद्दार कोरोमंडल एक्सप्रेस से तमिलनाडु जा रहे थे, तभी यह दुर्घटना हुई। उन्होंने कहा क‍ि हमें झटका लगा और अचानक हमने ट्रेन के डिब्बे को एक तरफ मुड़ते देखा। ट्रेन इतनी तेजी से पटरी से उतरी कि हममें से कई लोग डिब्बे से बाहर गिर गए। हमने अपने चारों तरफ शव पड़े हुए देखे। स्थानीय लोग यात्रियों के चीखने की आवाजें सुनकर घटनास्थल की तरफ दौड़े और वहां पटरी से उतरे रेल के डिब्बे देखे, जो स्टील का बिखरा हुआ ढेर लग रहे थे।

रूपम बनर्जी नाम की एक यात्री ने बताया क‍ि स्थानीय लोग तुरंत हमारी मदद करने के लिए आगे आए... उन्होंने न केवल लोगों को बाहर निकालने में मदद की, बल्कि हमारा सामान निकाला और हमें पानी पिलाया। यात्रियों ने बताया कि ट्रेन का एक डिब्बा दूसरी ट्रेन के डिब्बे पर चढ़ गया, जिसके कारण वह डिब्बा ‘‘जमीन में धंसा गया। राज्य आपदा राहत विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जमीन में धंसे डिब्बे और उसमें मौजूद शवों को बाहर निकालने के प्रयास जारी हैं। अधिकारी ने कहा क‍ि इससे मृतक संख्या में और इजाफा होने की आशंका है।

बालासोर जिला अस्पताल एक युद्ध क्षेत्र की तरह लग रहा है, जहां घायल लोग गलियारे में स्ट्रेचर पर लेटे हुए हैं, क्योंकि कमरों में जगह नहीं है। चिकित्सा कर्मचारियों को घायल यात्रियों की मदद करने की कोशिश करते देखा गया, जिनमें से कई ओडिशा के अलावा अन्य राज्यों से हैं और बात करने की स्थिति में नहीं हैं। करीब 526 घायलों को बालासोर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अधिकारियों ने बताया कि पुलिसकर्मी और स्थानीय लोग स्वेच्छा से यहां और कई अन्य अस्पतालों में रक्तदान कर रहे हैं।

अस्पताल के मुर्दाघर में सफेद कफन में लिपटे शवों का ढेर लगा हुआ है, जिनमें से कई की अभी तक शिनाख्त नहीं हो पाई है। अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि हादसे का शिकार हुए कई लोगों के रिश्तेदार अभी तक शहर नहीं पहुंच पाए हैं, क्योंकि प्रमुख रेल मार्ग पर दुर्घटना के कारण कई ट्रेन सेवाओं को रद्द कर दिया गया है या कई देरी से संचालित होंगी।

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य में हुए भीषण ट्रेन हादसे के मद्देनजर शनिवार को एक दिवसीय राजकीय शोक घोषित किया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ओडिशा के बालासोर में शनिवार को उस स्थल का दौरा किया, जहां शुक्रवार को भीषण रेल दुर्घटना हुई थी। वैष्णव ने कहा कि अब मुख्य रूप से राहत एवं बचाव अभियान पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि दक्षिण-पूर्व सर्किल के रेलवे सुरक्षा आयुक्त ओडिशा में हुए रेल हादसे की जांच करेंगे।

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