गाजा में चल रही जंग में इजराइल का समर्थन करने से अमेरिका के मुस्लिम नेता बाइडेन प्रशासन से नाराज हैं। इसका असर व्हाइट हाउस के रमजान सेलिब्रेशन पर भी पड़ा है। अमेरिका के मुस्लिम नेताओं ने बाइडेन की इफ्तार पार्टी का न्योता ठुकरा दिया। इसके चलते बाइडेन को रमजान सेलिब्रेशन कैंसिल करना पड़ा।
जबकि पिछले साल व्हाइट हाउस में हुई रमजान पार्टी में लोगों ने बाइडेन को आई लव यू कहा था। इस बार हालात बिल्कुल उलटे हैं। मुस्लिमों ने विरोध जताते हुए व्हाइट हाइस के बाहर नमाज पढ़ी। बाइडेन को अपने रमजान डिनर के लिए व्हाइट हाउस में ही काम करने वाले मुस्लिम अधिकारियों को जुटाना पड़ा।
हालांकि, इन अधिकारियों के साथ डिनर से पहले बाइडेन ने कुछ मुस्लिम नेताओं से मीटिंग की। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक इस मीटिंग में मुस्लिम नेताओं ने गाजा में जंग पर अपनी बात रखी। कुछ तो मीटिंग को बीच में ही छोड़कर निकल गए।
'डिनर करते हुए भुखमरी की बातें कैसे करते'
बाइडेन से मुलाकात करने वालों में फिलिस्तीनी मूल के अमेरिकी डॉक्टर थायर अहमद भी थे। उन्होंने कहा कि डिनर टेबल पर खाना खाते हुए आप भुखमरी की बात कैसे कर सकते हैं। डॉक्टर अहमद ने बाइडेन से कहा कि इजराइल गाजा में कत्लेआम मचा रहा है।
उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति को राफा में रह रही एक 8 साल की बच्ची का खत दिखाया। जिसमें उसने लिखा है कि वो रोज रात इस डर में सोते हैं कि न जाने कब इजराइली टैंक उनके टेंटों को कुचल देंगे। लेटर में बच्ची ने लिखा था कि गाजा के बच्चे भी दुनिया के बच्चों की तरह शांति में जीना चाहते हैं। बाइडेन से 6 मिनट की चर्चा के बाद ही अहमद मीटिंग से निकल गए।
अहमद के अलावा फिलिस्तीनी में लोगों का इलाज कर आए 3 और डॉक्टरों ने बाइडेन से मुलाकात की। बाइडेन के अलावा मुस्लिम नेताओं के साथ हुई मीटिंग में अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस और अमेरिका की फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन और अमेरिकी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) जेक सुलिवन भी मौजूद थे। बुधवार को जब सुलिवन से मीटिंग के अपडेट्स के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वो मीटिंग प्राइवेट थी।
इजराइल हमास जंग के दूसरे अहम अपडेट्स
1) वर्ल्ड किचन के शेफ का आरोप- इजराइल ने जानबूझकर उनकी गाड़ियों पर हमला किया
मंगलवार देर रात इजराइली सेना ने वर्ल्ड सेंट्रल किचिन चैरिटी के काफिले पर एयरस्ट्राइक कर दी थी। हमले में 7 वालंटियर मारे गए थे। ये ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, पोलैंड, अमेरिका के नागरिक थे।
अब वर्ल्ड किचन के शेफ होजे एंड्रेज ने रॉयटर्स को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि इजराइलियों ने जानबूझकर उनकी गाड़ियों पर हमले किए। एंड्रेस ने कहा, "वालंटियर्स दो बख्तरबंद कारों में थे। उन्होंने अपने आने की जानकारी इजराइली सेना को दी थी। बावजूद इसके सेना ने उन पर हमला किया।"
उन्होंने कहा कि ये गलती से हुऐ हमला नहीं है जहां ये बहाना बना दिया जाए की गलती से बम गिरा दिए थे। जिन गाड़ियों में उनकी राहत सामग्री थी उनकी छतों पर साफ-साफ लिखा था कि वो वालंटियर्स की गाड़ियां हैं।
2) UN में फिलिस्तीन की मेंबरशिप का सपोर्ट नहीं करेगा अमेरिका
फिलिस्तीन ने UN एक देश के तौर पर फुल मेंबरशिप के लिए अप्लाय किया है। साल 2012 से फिलिस्तीन के पास UN का ऑब्जर्वर स्टेटस है। UN की फुल मेंबरशिप के हासिल करने के लिए फिलिस्तीन को पहले सिक्योरिटी काउंसिल के 15 सदस्यों का समर्थन चाहिए। इसके बाद ही उसके प्रस्ताव पर UN की जनरल असेंबली में वोटिंग हो पाएगी। जहां संगठन की पूर्ण सदस्यता हासिल करने के लिए उसे 2 तिहाई वोटों की जरूरत होगी।
एक तरफ जहां अमेरिका एक पूर्ण फिलिस्तीनी देश होने का समर्थन करता है, वहीं दूसरी तरफ अमेरिका UN मेंबरशिप पर फिलिस्तीनी अथॉरिटी के प्रस्ताव के विरोध में है। बुधवार को अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि फिलिस्तीन के दर्जे के मसले को UN ले जाने की बजाय इजराइल से समझौता कर सुलझाना चाहिए।