टेस्ला के CEO एलन मस्क ने सोशल मीडिया साइट X (ट्विटर) पर एक चर्चा में कहा- रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चाह कर भी यूक्रेन जंग हार नहीं सकते। वे इसे खत्म भी नहीं कर सकते। उन्होंने अब ऐसा कुछ भी करने की कोशिश की तो उनकी हत्या कर दी जाएगी।
रिपब्लकन सांसदों से बात करते हुए मस्क ने कहा- जिन लोगों को भी लगता है कि वे रूस में सत्ता बदल सकते हैं, वे गलत हैं। मैं उन्हें चेतावनी देना चाहता हूं कि पुतिन के बाद रूस का जो अगला लीडर होगा वह ज्यादा कट्टर हो सकता है। जो रूस में सरकार बदलना चाहते हैं, उन्हें सोचना चाहिए कि पुतिन की जगह कौन लेगा? और क्या वह असल में शांति के पक्ष में होगा। इसकी संभावना बेहद कम है।
यूक्रेन बिल को लेकर मस्क और विवेक रामास्वामी ने चर्चा की
मस्क ने कहा- जंग की वजह से दोनों पक्ष के लोग जान गंवा रहे हैं। मैं इसे रोकना चाहता हूं। सोशल मीडिया पर इस चर्चा में मस्क के साथ विसकॉनसिन के रॉन जॉनसन, ओहायो के जेडी वैंस और उटाह के माइरक ली शामिल हुए थे। इसके अलावा रिपब्लिकन पार्टी से पूर्व राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी ने भी इस चर्चा में हिस्सा लिया।
उन्होंने जंग में यूक्रेन की मदद के लिए अमेरिका की सीनेट में लाए गए बिल पर चर्चा की। एलन मस्क यूक्रेन जंग में अहम भूमिका निभाते आए हैं, क्योंकि उनकी स्टारलिंक सैटेलाइट सेवाओं का इस्तेमाल यूक्रेनी सेना ने किया था।
मस्क बोले- मेरी कंपनियों ने रूस को कमजोर करने के लिए सबसे ज्यादा काम किया
मस्क ने कहा- पुतिन ने जंग से कदम पीछे खींचने की कोशिश की तो उन्हें मार दिया जाएगा। इसके पीछे दूसरी ताकते हैं जो पुतिन पर जंग लड़ते रहने का दबाव बना रही हैं। यह बहुत ही बेतुका है।
बातचीत के दौरान मस्क ने उन्हें रूस समर्थक कहने वाले आलोचकों की भी निंदा की। उन्होंने कहा- मेरी कंपनियों ने शायद रूस को कमजोर करने के लिए सबसे ज्यादा काम किया है।
पुतिन ने अमेरिका से जंग रोकने के लिए संपर्क किया था
दूसरी तरफ न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन ने अमेरिका के सामने यूक्रेन जंग रोकने का सुझाव दिया था, लेकिन अमेरिका ने इसे ठुकरा दिया था। रॉयटर्स ने 3 रूसी सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी।
रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में पुतिन ने पब्लिक और प्राइवेट स्तर पर अमेरिका को जंग रुकवाने को लेकर मैसेज भेजा था। इसके लिए उन्होंने मिडिल ईस्ट में अरब पार्टनर्स की भी मदद ली थी।
इस दौरान पुतिन रूस-यूक्रेन की सीमा पर सीजफायर के लिए तैयार हो गए थे। वे रूस के कब्जे वाले किसी भी यूक्रेनी क्षेत्र को छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे। हालांकि, रूसी सूत्रों के मुताबिक अमेरिका से संपर्क का कोई फायदा नहीं हुआ।