अमेरिका ने भारत को दिए जाने वाले 31 MQ-9 रीपर ड्रोन की खरीद की जानकारी अमेरिकी संसद (कांग्रेस) को नहीं दी है। हालांकि अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता क्रिस एल्म्स ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया, बाइडेन सरकार अमेरिकी कांग्रेस के साथ इस तरह के हथियार बिक्री से जुड़े नियमों और SOP से संबंधित चर्चा करना जारी रखेगी।
जहां तक संसद में जानकारी देने की बात है, इस पर एल्म्स ने कहा- फॉरेन मिनिस्ट्री किसी भी तरह के ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी करने से पहले कांग्रेस की विदेशी मामलों की समितियों को शामिल करता है।
मीडिया हाउस द वायर का दावा है कि, पन्नू केस के चलते इस डील के प्रोसेस में रुकावट आई है। द वायर के मुताबिक जब तक गुरपतवंत सिंह पन्नू के मामले में भारत कोई सार्थक जांच नहीं करता तब तक अमेरिका ड्रोन्स की डिलीवरी नहीं करेगा।
दरअसल, पिछले साल नवंबर में अमेरिका ने आरोप लगाए थे कि भारत ने उनके नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रची थी। भारत ने इन आरोपों को खारिज किया था और मामले की जांच करने की बात कही थी।
द वायर ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि पन्नू मामले की वजह से न सिर्फ ड्रोन बल्कि 6 बोइंग मैरिटाइम पैट्रोल एयरक्राफ्ट्स का प्रोपोजल भी होल्ड कर दिया गया है। इसके तहत भारतीय नौसेना को 6 सर्विलांस एयरक्राफ्ट मिलते।
पन्नू मामले को लेकर भारत से नाराज है अमेरिका
द वायर ने सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में लिखा है- पन्नू की हत्या की साजिश रचने पर नाराजगी की वजह से खरीदारी अमेरिकी कांग्रेस में अटकी है। अमेरिकी सासंदों ने उस प्रस्ताव को रोका हुआ है जिससे बिक्री की प्रोसेस पूरी होती है।
वायर के मुताबिक MQ-9 रीपर ड्रोन की डील की जानकारी रक्षा मंत्रालय ने पीएम मोदी के जून 2023 में हुए अमेरिका दौरे से एक हफ्ते पहले दी थी। इसी वक्त भारत के सिक्योरिटी ऑफिशियल कोड नेम CC1 ने पन्नू की हत्या की साजिश पर काम शुरू किया था।
PM मोदी ने कहा था- कुछ घटनाएं रिश्ते बेपटरी नहीं कर सकती
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के मामले में दिसंबर में बयान दिया था। इंटरव्यू में PM मोदी ने कहा था- कुछ घटनाएं अमेरिका-भारत रिश्तों को बेपटरी नहीं कर सकती हैं।
अगर हमारे देश का कोई नागरिक दूसरे देश में अच्छा या बुरा काम करता है तो हम जिम्मेदारी लेते हैं। हमें इस बारे में बताया गया है तो हम जांच करने के लिए तैयार हैं। हम कानून का पालन करते हैं।
भारतवंशी सांसदों ने कहा था- भारत-अमेरिका रिश्तों के लिए खतरा बन सकता है पन्नू केस
अमेरिका में भारतवंशी सांसदों ने कहा था कि अगर खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश मामले में जांच नहीं हुई तो भारत और अमेरिका के रिश्ते खतरे में पड़ सकते हैं।
एक जॉइंट स्टेटमेंट में पांच भारतवंशी सांसद एमी बेरा, प्रमिला जयपाल, रो खन्ना, राजा कृष्णमूर्ति और श्री थानेदार ने शुक्रवार देर रात कहा था- यह बेहद गंभीर मामला है। भारत यह सुनिश्चित करे कि ऐसा फिर कभी नहीं होगा। भारत ऐसी साजिश अमेरिकी जमीन पर दोबारा न करे और जांच में पूरा सहयोग करे।
पन्नू मामले में कब, क्या हुआ चार्जशीट के मुताबिक पूरी टाइमलाइन