तुर्किये के एक सांसद को मंगलवार रात संसद में हार्ट अटैक आ गया। 53 साल के हसन बिटमेज अपने भाषण के दौरान इजराइल को कोस रहे थे। घटना का वीडियो सामने आया है।
BBC के मुताबिक बिटमेज संसद में इजराइल-हमास जंग पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा था- इजराइल भगवान की नजरों, उनके गुस्से और प्रकोप से नहीं बच सकता। इतना कहते ही वो जमीन पर गिर गए। उन्हें फौरन अस्पताल ले जाया गया। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है।
इधर, यूनाइटेड नेशन्स जनरल असेंबली (UNGA) में मंगलवार देर रात को गाजा में सीजफायर पर प्रस्ताव पारित हो गया। भारत ने इसके पक्ष में वोट किया।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक 193 सदस्यीय UN में UAE, सऊदी अरब समेत 153 देशों ने सीजफायर के पक्ष में वोट किया। अमेरिका, इजराइल समेत 10 देशों ने युद्धविराम के खिलाफ वोट किया। 23 देश वोटिंग में शामिल नहीं हुए।
बाइडेन की चेतावनी- जंग पर रुख बदले इजराइल नहीं तो सपोर्ट खो देगा
इधर, रिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को चेतावनी दी। बाइडेन ने कहा- गाजा में लगातार हमले करने की वजह से इजराइल ग्लोबल सपोर्ट खो रहा है। उन्हें जंग में रुख बदलना चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया तो इसका असर आने वाले समय में ठीक नहीं होगा। इस बीच नेतन्याहू ने माना की उनके अमेरिका से कुछ मुद्दों पर मतभेद हैं।
दरअसल, अमेरिका इजराइल पर गाजा में आम लोगों को बचाने के लिए सख्त कदम उठाने के लिए दबाव डाल रहा है। हालांकि, इजराइल इसके खिलाफ है।
गलती नहीं दोहराएगा इजराइल
‘हेयोम पोस्ट’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नेतन्याहू ने मंगलवार रात एक वीडियो स्टेटमेंट जारी किया। इसमें कहा- हम जंग कैसे खत्म कर दें। हमारे नागरिकों और सैनिकों ने बेशुमार कुर्बानियां दी हैं। उन लोगों को खत्म किया जाएगा जिन्होंने हैवानियत दिखाई है। 1990 के दशक में हमने ओस्लो अकॉर्ड के रूप में एक गलती की थी। एक समझौता किया था। अब हम इसे दोहराना नहीं चाहते। अमेरिका से कुछ मुद्दों पर सहमति नहीं है। इसके बावजूद हम मदद के लिए उनके शुक्रगुजार हैं।'
उन्होंने कहा- हमने ग्राउंड ऑपरेशन का फैसला काफी विचार के बाद किया था और अब यह तभी खत्म होगा जब हमास का खात्मा कर दिया जाएगा। बंधकों की रिहाई पर कुछ चीजें चल रही हैं। सही वक्त पर ये बताई जाएंगी।
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन आएंगे
अमेरिका और इजराइल के मतभेदों के बीच वॉशिंगटन पोस्ट ने खबर दी है कि अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन जल्द ही इजराइल दौरे पर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि ऑस्टिन बंधकों की रिहाई और सीजफायर पर प्रेसिडेंट जो बाइडेन का कोई मैसेज नेतन्याहू को दे सकते हैं।
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक- इजराइली डिफेंस मिनिस्टर योव गैलेंट के न्योते पर ऑस्टिन तेल अवीव आ रहे हैं। ऑस्टिन का यह दौरा इसलिए भी खास है, क्योंकि अमेरिका इजराइल पर यह दबाव डाल रहा है कि वो गाजा में आम लोगों को बचाने के लिए सख्त कदम उठाए। हालांकि, इजराइल का यह कहना है कि आम नागरिकों की ओट लेकर हमास आतंकी हमले कर रहे हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक- ऑस्टिन किसी भी सूरत में इजराइल से सीजफायर के लिए नहीं कहेंगे। उनका पूरा फोकस इस बात पर होगा कि इजराइली सरकार और सेना गाजा में आम लोगों के लिए राहत के रास्ते खोले।
गाजा को मदद देगा वर्ल्ड बैंक
वर्ल्ड बैंक ने मंगलवार को ऐलान किया कि वो गाजा की मदद के लिए फौरन 20 लॉख डॉलर दे रहा है। यह 35 मिलियन डॉलर के रिलीफ पैकेज का हिस्सा है, जिसका कुछ दिन पहले ऐलान किया गया था।
अब तक यह साफ नहीं किया गया है कि गाजा में यह मदद किसे और किस रूप में दी जाएगी। इसकी वजह यह है रेडक्रॉस और बाकी संगठन कह चुके हैं कि गाजा में हालात ऐसे नहीं हैं कि वहां के नागरिकों को सीधी मदद पहुंचाई जा सके।
बंधकों की रिहाई के लिए प्रदर्शन
इजराइल में एक बार फिर हमास की कैद में मौजूद बंधकों की रिहाई के लिए प्रदर्शन हुए हैं। तेल अवीव में लोगों ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के ऑफिस के सामने प्रदर्शन किए। ज्यादातर लोगों के हाथ में बैनर थे। इन पर लिखा था- बंधकों को वापस लेकर आओ। एक प्रदर्शनकारी ने कहा- अब भी 138 बंधक हमास की कैद में हैं। हम नहीं जानते वो किस हाल में हैं। उन्हें जल्द से जल्द वापस लाना होगा।
'अल-अक्सा फ्लड' के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन 'सोर्ड्स ऑफ आयरन'
हमास ने इजराइल पर 7 अक्टूबर को हमला किया था। उसने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को 'अल-अक्सा फ्लड' नाम दिया। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ 'सोर्ड्स ऑफ आयरन' ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।
वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।