भोपाल । भारत सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 50 से बढ़ाकर 53 प्रतिशत करने से प्रदेश सरकार पर भी महंगाई भत्ते में वृद्धि को लेकर दबाव बनने लगा है। बुधवार को कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने उप मुख्यमंत्री वित्त जगदीश देवड़ा से भेंट कर सात प्रतिशत महंगाई भत्ता दीपावली के पहले बढ़ाने की मांग की।
इस पर उन्होंने विश्वास दिलाया कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए विभागीय अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श कर निर्णय लिया जाएगा। भारतीय मजदूर संघ और राज्य कर्मचारी संघ के प्रतिनिधिमंडल ने उप मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश के कर्मचारियों को अभी 46 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है।
जबकि, अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को जनवरी 2024 से 50 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है। भारत सरकार द्वारा तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने से अंतर सात प्रतिशत का हो गया है। कर्मचारी संगठन इसका विरोध कर रहे हैं।
दीपावली के पहले वृद्धि के संबंध में निर्णय लिया जाए। इस पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कर्मचारियों के हितों को लेकर सदैव संवेदनशील रही है। इस संबंध में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से चर्चा करेंगे और विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।
इधर... संबल के 24 हजार श्रमिकों के स्वजन को 161 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि देगी सरकार
मध्य प्रदेश में संबल योजना के तहत पंजीकृत श्रमिकों की मृत्यु पर उनके स्वजन को प्रदेश सरकार 161 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि देगी। ऐसे 24 हजार प्रकरणों में भुगतान लंबित है। इनके अलावा अनुसूचित जनजाति के लिए 60 करोड़ 72 लाख रुपये एवं अनुसूचित जाति के लिए 42 करोड़ 24 लाख रुपये का प्रविधान शामिल हैं।
दरअसल, ऐसे श्रमिक जिनकी मृत्यु हो गई है, उनकी अंत्येष्टि के लिए सरकार आर्थिक सहायता उपलब्ध कराती है। संबल योजना के तहत अंत्येष्टि पर पांच हजार रुपये, सामान्य मृत्यु पर दो लाख रुपये, दुर्घटना में मृत्यु पर चार लाख रुपये, आंशिक दिव्यांगता पर एक लाख रुपये एवं स्थायी दिव्यांगता पर दो लाख रुपये की सहायता राशि दी जाती है।
24 हजार लंबित प्रकरणों में 533 करोड़ रुपये की राशि निहित है जिसमें से 264 करोड़ रुपये की राशि मप्र असंगठित शहरी, ग्रामीण कर्मकार मंडल को जारी की गई है। इसमें सामान्य एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के हिग्राहियों के लिए 161 करोड़ चार लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं।