इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के चीफ डेविड बार्निया ने कहा है कि लेबनान में हमास के डिप्टी लीडर की मौत के बाद हमारे देश को धमकियां दी जा रही हैं। डेविड ने कहा- मैं दुश्मनों को बता देना चाहता हूं कि हम और इजराइली डिफेंस फोर्सेस (IDF) किसी भी चैलेंज का सामना करने तैयार हैं।
मोसाद के पूर्व चीफ जेवी जामिर की अंतिम विदाई में शामिल होने के बाद डेविड ने कहा- जिन लोगों ने 7 अक्टूबर को हमारे देश पर हमला किया, उन्हें सिर्फ यह याद रखना चाहिए कि उन्होंने खुद अपनी मौत के वॉरंट पर दस्तखत किए हैं।
IDF का भी यही बयान
मोसाद चीफ के बयान के बाद IDF ने भी करीब-करीब यही कहा। लेबनान में हमास के डिप्टी लीडर की मौत के बाद आशंका है कि गाजा में हिंसा बढ़ सकती है और इसका असर पूरे अरब वर्ल्ड पर भी हो सकता है।
इस बारे में पूछे गए एक सवाल पर IDF के एक अफसर ने कहा- हम किसी भी स्थिति या चैलेंज का सामना करने के लिए तैयार हैं। इजराइल अब किसी सूरत में पीछे नहीं हटेगा। हम कई बार साफ कर चुके हैं कि जिन लोगों ने 7 अक्टूबर को हमारे देश पर हमला किया था, उन्हें किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। इसके लिए तैयारियां की जा चुकी हैं।
वैसे, खास बात यह भी है कि इजराइली सेना हमास के डिफ्टी लीडर सालेह अल अरूरी के मारे जाने पर सीधा बयान नहीं दे रही है। इजराइली फौज ने सिर्फ इतना कहा कि हालात पर पैनी नजर आ रही है। हमले का जवाब हमले से ही दिया जाएगा।
तुर्किये में 33 लोग गिरफ्तार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- तुर्किये में राष्ट्रपति रिसेप तैयप एर्दोगन की सरकार ने देश में स्पेशल ऑपरेशन चलाकर 33 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन पर इजराइल के लिए जासूसी करने का आरोप है। हालांकि, ये नहीं बताया गया कि इनमें से कितने लोग इजराइली नागरिक हैं और कितने तुर्किये के।
होम मिनिस्टर अली येर्लिकाया ने कहा- इजराइल के लिए जासूसी करने वालों की तलाश में स्पेशल ऑपरेशन लॉन्च किए गए हैं। इसमें कई टीमें काम कर रही हैं। हमने 33 लोगों को गिरफ्तार किया है। 13 लोगों की तलाश की जा रही है। ये अभी फरार हैं।
कुछ दिन पहले प्रेसिडेंट एर्दोगन ने कहा था कि इजराइल के लिए काम करने वाले और फिलिस्तीनी लोगों का विरोध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इसके बाद कुछ इजराइली लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था। हालांकि, बाद में इन्हें रिहा कर दिया गया।