अदन की खाड़ी में भारतीय नेवी की तरफ से बुल्गारिया के जहाज को बचाए जाने के बाद वहां के राष्ट्रपति का बयान सामने आया है। बुल्गारिया के प्रेसिडेंट रुमेन रादेव ने सोमवार को रेस्क्यू मिशन के लिए PM मोदी और नौसेना को धन्यवाद किया। जहाज में मौजूद क्रू सदस्यों में बुल्गारिया के 7 नागरिक थे।
इस पर PM मोदी ने कहा- हम आपके मैसेज की सराहना करते हैं। मुझे खुशी है कि सभी क्रू सदस्य सुरक्षित हैं और जल्द ही घर लौट जाएंगे। भारत हिंद महासागर में समुद्री लुटेरों और आतंकियों के खिलाफ लड़ता रहेगा। हम नेविगेशन की आजादी की रक्षा करते रहेंगे।
3 महीने पहले सोमालिया के लुटेरों ने जहाज हाईजैक किया था
दरअसल, 16 मार्च को भारतीय नौसेना ने 3 महीने पहले अदन की खाड़ी में हाईजैक हुए जहाज MV रुएन को बचाने का ऑपरेशन पूरी किया था। जहाज को सोमालिया के समुद्री लुटेरों ने अगवा किया था। ऑपरेशन भारत के समुद्री तट से 2800 किलोमीटर दूर चलाया गया।
दूसरी तरफ, बुल्गारिया की विदेश मंत्री मारिया गैब्रियल ने रेस्क्यू मिशन के बाद वहां मौजूद भारतीय राजदूत संजय राणा से मुलाकात की। उन्होंने भारतीय नौसेना के मिशन के लिए धन्यवाद कहा। मारिया ने सोशल मीडिया पर लिखा- भारतीय सेना की वजह से जहाज पर मौजूद सभी क्रू सदस्य सुरक्षित हैं। वे जल्द ही घर लौट आएंगे।
जयशंकर बोले- दोस्त इसीलिए होते हैं
उनके इस पोस्ट पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लिखा- दोस्त इसके लिए ही होते हैं। 16 मार्च को रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने के बाद नौसेना ने बताया था कि उनकी कार्रवाई के बाद 35 समुद्री लुटेरों ने सरेंडर किया और 17 क्रू मेंबर्स को सुरक्षित निकाला गया। जहाज का क्रू 110 से ज्यादा दिनों से लुटेरों के कब्जे में था।
रेस्क्यू ऑपरेशन 40 घंटे तक चला। इसे पूरा करने के लिए युद्धपोत INS सुभद्रा, ज्यादा ऊंचाई तक उड़ने वाले ड्रोन, P8I पैट्रोलिंग एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल हुआ। ऑपरेशन चलाने से पहले नौसेना ने समुद्री लुटेरों को सरेंडर करने को कहा था।
मरीन कमांडोज को आदेश दिए गए थे अगर ये लुटेरे सरेंडर नहीं करते तो इनके खिलाफ अभियान चलाया जाए। नौसेना ने ये अभियान ऑपरेशन संकल्प के तहत चलाया था। इस दौरान सोमालिया के समुद्री लुटेरों ने नेवी पर फायरिंग की थी।
लुटेरों ने नौसेना पर फायरिंग भी की थी
भारतीय नौसेना ने घटना का एक वीडियो शेयर किया था। नौसेना ने बताया था कि 14 दिसंबर को भी समुद्री लुटेरों ने माल्टा के जहाज MV रुएन को हाईजैक कर लिया था। वो इस जहाज का इस्तेमाल समुद्र में डकैती करने के लिए कर रहे थे।
कतर के मीडिया हाउस अलजजीरा के मुताबिक लूटेरे MV रुएन जहाज का इस्तेमाल अपने बेस की तरह करने लगे थे। 14 मार्च को समुद्री लुटेरों ने इससे एक बांग्लादेशी झंडे वाले जहाज मर्चेंट वेसल अब्दुल्लाह पर कब्जा करने की कोशिश की थी। लुटेरे अब तक 5 बार भारतीय क्रू मेंबर वाले जहाजों पर भी हमला कर चुके हैं।
जहाजों ने हिंद महासागर का रास्ता छोड़ा था
जर्मन मीडिया हाउस DW की रिपोर्ट के मुताबिक 2009-10 में समुद्री लुटेरों ने जहाजों को हाइजैक कर कुल साढ़े 42 करोड़ डॉलर की फिरौती कमाई थी। हिंद महासागर में समुद्री लुटेरों के आतंक के कारण दुनिया भर के 10 फीसदी से ज्यादा जहाजों ने अपना रास्ता बदल लिया था।