अमेरिका में हुए एक ताजा सर्वे में डेमोक्रेटिक पार्टी के 48% समर्थकों ने कहा है कि अगर 81 साल के जो बाइडेन नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से हटते हैं तो उनकी जगह पूर्व प्रथम महिला मिशेल ओबामा को कैंडिडेट बनाया जाना चाहिए।
‘रासमुसेन पोल्स’ को सियासी तौर पर भरोसेमंद माना जाता है। हालांकि, इसी पोल में कुछ डेमोक्रेट समर्थक ऐसे भी हैं, जो वाइस प्रेसिडेंट कमला हैरिस और पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन को भी समर्थन दे रहे हैं।
पिछड़ रहे हैं बाइडेन
डेमोक्रेटिक पार्टी में बाइडेन की फिजिकल और मेंटल फिटनेस को लेकर सवालिया निशान हैं। खासतौर पर उनकी याद्दाश्त को लेकर डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थक सवाल उठाते हैं। इसकी शुरुआत डोनाल्ड ट्रम्प ने तीन साल पहले ही शुरू कर दी थी।
हालिया सर्वे के मुताबिक- 48% डेमोक्रेट समर्थक मानते हैं कि बाइडेन को रिप्लेस करने की जरूरत है और इसके लिए मिशेल ओबामा सबसे सही विकल्प हैं। 33% लोग मानते हैं कि इसका असर चुनावी नतीजों पर पड़ सकता है। इस रेस में कमला हैरिस, हिलेरी क्लिंटन और कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसम के नाम भी हैं। हालांकि, मिशेल का दावा सबसे दमदार नजर आता है।
कमला हैरिस को 15% वोट मिले। वहीं, हिलेरी क्लिंटन 12% वोट्स के साथ तीसरे स्थान पर हैं।
मिशेल से संपर्क भी किया गया
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मिशेल से पार्टी की तरफ से संपर्क किया गया है। उनसे कहा गया है कि वो नवंबर में होने वाले प्रेसिडेंशियल इलेक्शन में कैंडिडेट बनने पर विचार करें। मिशेल ने पिछले महीने कहा था- नवंबर में होने वाले चुनाव को लेकर मेरे मन में डर है। हम लोकतंत्र को हल्के में नहीं ले सकते, क्योंकि कई बार मुझे लगता है कि यही हो रहा है।
हालांकि, अब तक यह साफ नहीं है कि नवंबर में मुकाबला किन दो कैंडिडेंट्स के बीच होगा। अभी की बात करें तो जो बाइडेन बनाम डोनाल्ड ट्रम्प ही नजर आते हैं। बाइडेन इन सर्वे को लेकर परेशान नहीं दिखते। उन्होंने पिछले दिनों कहा था- मैं ही सबसे अच्छा कैंडिडेट हूं। हमने काम दिखाया है। दूसरी तरफ, ट्रम्प भी दावा करते हैं कि उनके ऊपर तमाम क्रिमिनल केस होने के बावजूद वो पीछे नहीं हटेंगे और डेमोक्रेट कैंडिडेट को चैलेंज करेंगे।
फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट में भी यही दावा था
पिछले दिनों फॉक्स न्यूज ने बाइडेन की जगह मिशेल को कैंडिडेंट बनाए जाने के बारे में एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। इसमें कहा गया था- बाइडेन ऐन वक्त पर दावेदारी छोड़ सकते हैं और उनकी जगह मिशेल ओबामा डेमोक्रेटिक पार्टी से कैंडिडेट बनाई जा सकती हैं।
दरअसल, पिछले महीने स्पेशल काउंसिल रॉबर्ट हुर की एक रिपोर्ट सामने आई थी। इसमें साफ कहा गया है कि बाइडेन मेंटली और फिजिकली स्ट्रगल कर रहे हैं। लिहाजा, उनका इलेक्शन लड़ना सही नहीं होगा। बाइडेन ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा था- उम्र के साथ कुछ दिक्कतें हो जाती हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि मैं फिट नहीं हूं।
हिलेरी और रामास्वामी के दावे
रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से विवेक रामास्वामी भी प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट बनने की रेस में शामिल थे। बाद में उन्होंने डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थन में नाम वापस ले लिया था। 9 फरवरी को विवेक ने डेमोक्रेट कैंडिडेट के बारे में चौंकाने वाला खुलासा किया।
विवेक ने कहा- डेमोक्रेटिक पार्टी बाइडेन की जगह मिशेल ओबामा को प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट बनाने पर विचार कर रही है। यह फैसला स्पेशल काउंसिल रॉबर्ट हुर की रिपोर्ट सामने आने के बाद किया गया है। सबने देखा है कि रिपोर्ट में बाइडेन की मेंटल और फिजिकल हेल्थ को लेकर कितने गंभीर सवालिया निशान लगाए गए हैं। हालांकि हमारी बेस्ट विशेज प्रेसिडेंट के साथ हैं, लेकिन उनकी मेमोरी को लेकर जो कुछ कहा गया है, वो सही है। लिहाजा, कोई भी इस रिपोर्ट को खारिज नहीं कर सकता।
पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने भी बाइडेन की मेंटल और फिजिकल एबिलिटी को लेकर सवाल उठाए हैं। क्लिंटन ने एक इंटरव्यू में माना कि अगर डेमोक्रेट्स बाइडेन को ही कैंडिडेट बनाते हैं तो इसका सीधा फायदा ट्रम्प को होगा। इसलिए बाइडेन का विकल्प तलाशना जरूरी है।
रामास्वामी ने कहा- 81 साल के बाइडेन खुद को कितना ही फिट बताने की कोशिश करें, लेकिन यह तो साफ हो चुका है कि सेंसिटिव डॉक्यूमेंट्स उनके घर से बरामद किए गए हैं। अब उनकी जगह अगर मिशेल ओबामा का नाम सामने आ रहा है तो इसमें कुछ गलत नहीं है।
कमला को साइड लाइन करना आसान नहीं
रिपोर्ट के मुताबिक मिशेल को अगर कैंडिडेट बनाया जाता है तो वाइस प्रेसिडेंट कमला हैरिस का मुद्दा जरूर उठेगा। उन्हें साइड लाइन करना इतना आसान नहीं होगा। उनका दावा बहुत मजबूत है और पार्टी पर उनकी पकड़ बाइडेन से कहीं ज्यादा मजबूत होती जा रही है। इस बारे में पूछे गए सवाल पर रामास्वामी ने कहा- मुझे नहीं लगता कि कमला को प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट बनाया जाएगा। कोई चौंकाने वाला नाम सामने आ सकता है।
रामास्वामी कहते हैं- डेमोक्रेटिक पार्टी के मेरे सूत्र बताते हैं कि बाइडेन अभी भले ही रेस में नजर आ रहे हों, लेकिन वो भी जानते हैं कि आखिरकार वो इलेक्शन नहीं लड़ पाएंगे और ऐन वक्त पर उनकी जगह कोई और लीडर सामने आएगा।