विदेशों में धूम मचा रहे 'मेड इन इंडिया' चीनी फोन, जानें भारत में कितनी कमाई कर रहीं चीन की कंपनियां
Updated on
14-06-2025 02:42 PM
नई दिल्ली: भारत में बने फोन और इलेक्ट्रॉनिक सामान में विदेशों में खूब मांग हो रही है। चीन की स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों ने भारत से निर्यात करना शुरू कर दिया है। वे पश्चिम एशिया, अफ्रीका और यहां तक कि अमेरिका को भी सामान भेज रही हैं। पहले इन बाजारों में चीन और वियतनाम से ही माल आता था। लेकिन अब भारत सरकार के लगातार कहने और यहां उत्पादन क्षमता बढ़ने के कारण ऐसा हो रहा है।
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार ओप्पो मोबाइल इंडिया ने वित्त वर्ष 2024 (FY24) में पहली बार निर्यात से 272 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा कमाई है। वहीं रियलमी मोबाइल टेलीकम्युनिकेशंस (इंडिया) ने 114 करोड़ रुपये कमाए हैं। कंपनियों ने यह जानकारी 12 मई को रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) को दी है। अभी तक FY25 के नतीजे नहीं आए हैं। टेलीविजन और घरेलू उपकरण बेचने वाली सबसे बड़ी चीनी कंपनियों में से एक, Hisense Group अगले साल की शुरुआत से भारत में बने सामान को पश्चिम एशिया और अफ्रीका में निर्यात करने की योजना बना रही है।
चीनी कंपनियों के लिए बड़ा बदलाव
यह चीनी कंपनियों के लिए एक बड़ा बदलाव है। अभी तक वे सिर्फ भारत में ही सामान बेच रही थीं। लेकिन साल 2020 में चीन के साथ सीमा पर विवाद के बाद सरकार ने चीनी कंपनियों पर सख्ती बढ़ा दी है। सरकार चाहती है कि चीनी कंपनियां भारत में ही उत्पादन करें।
सरकार ने चीनी कंपनियों से कहा है कि वे भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर उत्पादन करें। उन्हें भारत में ही वितरण और निर्यात का काम करना चाहिए। साथ ही, अपनी कंपनियों में बड़े पदों पर भारतीयों को नियुक्त करना चाहिए
100 करोड़ रुपये का प्लांट
Hisense के स्थानीय उत्पादन भागीदार Epack Durable के प्रबंध निदेशक अजय सिंघानिया ने बताया कि वे Hisense के लिए श्री सिटी में 100 करोड़ रुपये का एक प्लांट लगा रहे हैं। यह प्लांट Hisense के चीन वाले प्लांट की तरह ही होगा। इसमें वही डिजाइन और सब कुछ होगा।
Lenovo Group भी भारत से सर्वर और लैपटॉप का निर्यात करने की तैयारी कर रहा है। उसकी स्मार्टफोन कंपनी मोटोरोला पहले से ही अमेरिका को डिवाइस निर्यात करती है। मोटोरोला के फोन डिक्सन टेक्नोलॉजीज बनाती है। डिक्सन अब निर्यात की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अपनी क्षमता को 50% तक बढ़ा रही है। डिक्सन चीनी कंपनी Transsion Holdings के लिए भी स्मार्टफोन बनाती है। Transsion इंटेल, टेक्नो और इनफिनिक्स जैसे ब्रांड बनाती है। इसने अफ्रीका को निर्यात करना शुरू कर दिया है।
ये कंपनियां भी कर रहीं साझेदारी
घरेलू उपकरण बनाने वाली बड़ी कंपनी Haier भी निर्यात के मौके तलाश रही है। वहीं Oppo, Vivo, Realme, OnePlus और Xiaomi जैसे स्मार्टफोन ब्रांड अब भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी कर रहे हैं। इनमें से कुछ ने निर्यात भी शुरू कर दिया है। हालांकि, Xiaomi, Midea और OnePlus की FY24 की RoC फाइलिंग में निर्यात से विदेशी मुद्रा आय नहीं दिखाई गई है।
भारत सरकार कर रही मदद
कुछ निर्यात योजनाओं को भारत सरकार की पीएलआई योजना से मदद मिल रही है। पीएलआई योजना का मतलब है कि सरकार प्रोडक्शन बढ़ाने पर कंपनियों को प्रोत्साहन देती है। ज्यादातर चीनी ब्रांड पीएलआई का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन Dixon जैसे उनके कुछ कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर इस योजना का लाभ उठा रहे हैं।
एक बड़ी थर्ड-पार्टी मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के मालिक ने कहा कि सरकार लंबे समय से चीनी कंपनियों से भारत से निर्यात करने के लिए कह रही है। उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि यहां तक कि बाकी चीनी ब्रांड जिन्होंने अभी तक शुरुआत नहीं की है, वे भी जल्द ही शुरू कर देंगे
अमेरिकी टैरिफ का भी असर
भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने और अमेरिका के टैरिफ की धमकी के कारण भी कंपनियां चीन से बाहर निकलकर भारत में प्रोडक्शन कर रही हैं। उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि चीनी कंपनियां भारत से अमेरिका को फोन और इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद निर्यात करने के लिए भी तैयार हैं। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि अमेरिका भारत और चीन के साथ व्यापार को लेकर क्या समझौता करता है।
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