इजरायल की तरह भारत भी पाकिस्तान-चीन के मिसाइलों को कर सकता है धुआं-धुआं, जानें कैसे
Updated on
15-04-2024 12:58 PM
तेल अवीव: इजरायल पर ईरान के हवाई हमले को विफल करने में एयर डिफेंस सिस्टम ने प्रभावी भूमिका अदा की है। इजराइली सेना ने रविवार को कहा कि ईरान द्वारा दागे गए 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइल में से 99 प्रतिशत से अधिक को मार गिराया गया। इस घटना ने शक्तिशाली एयर डिफेंस सिस्टम की जरूरत को पूरी दुनिया के सामने रखा है। वर्तमान में इजरायल के पास दुनिया के कुछ सबसे अडवांस एयर डिफेंस सिस्टम्स हैं। इन एयर डिफेंस सिस्टमों को मिलाकर इजरायल ने एक इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस सिस्टम (IADS) तैयार किया है। इसमें छोटी दूरी से लेकर लंबी दूरी तक के हवाई खतरों से बचाने वाले एयर डिफेंस सिस्टम शामिल हैं। भारत भी इजरायल की तरह की चीन और पाकिस्तान से दोतरफा खतरे का सामना कर रहा है। ऐसे में भारत ने भी अपने दुश्मनों के मिसाइल हमलों से बचने के लिए बड़ी तैयारी की हुई है।
इजराइल की मिसाइल रक्षा प्रणाली की सफलता का भारत पर बड़ा प्रभाव है। भारत की मिसाइल रक्षा के कई प्रमुख घटक इजरायली मूल के हैं। ग्रीन पाइन रडार के वेरिएंट (जो इजरायली एरो मिसाइलों के लिए दुश्मन के मिसाइल लॉन्च का पता लगाते हैं) का उपयोग भारत की अपनी बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली के हिस्से के रूप में किया जाता है। एलआरएसएएम और एमआरएसएएम संयुक्त भारत-इजरायल सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली हैं। कोलकाता और विजाग श्रेणी के विध्वंसक जहाजों पर एमएफएसटीएआर रडार इजरायली है। छोटी दूरी का स्पाइडर एसएएम सिस्टम भी इजरायली है। भारत ने रूसी एस-400 प्रणाली और स्वदेशी आकाश प्रणाली को एक समग्र वायु रक्षा नेटवर्क में शामिल किया है जिसमें इजरायली मूल की मिसाइलें, सेंसर और सिस्टम शामिल हैं।
भारतीय बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा कार्यक्रम
कारगिल युद्ध के बाद भारत ने बैलिस्टिक मिसाइल हमलों से बचने के लिए भारतीय बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा कार्यक्रम की शुरुआत की थी। पाकिस्तान और चीन से बैलिस्टिक मिसाइल खतरे के मद्देनजर पेश की गई, यह एक डबल-स्तरीय प्रणाली है जिसमें दो भूमि और समुद्र-आधारित इंटरसेप्टर मिसाइलें शामिल हैं। इसमें ऊंचाई पर दुश्मन की मिसाइलों और विमानों को मार गिराने के लिए पृथ्वी वायु रक्षा (पीएडी) मिसाइल, और कम ऊंचाई पर मौजूद लक्ष्यों को मारने के लिए अडवांस एयर डिफेंस सिस्टम शामिल हैं।। ये दो स्तरीय ढाल 5,000 किलोमीटर दूर से लॉन्च की गई किसी भी आने वाली मिसाइल को रोकने में सक्षम हैं। इस प्रणाली में प्रारंभिक चेतावनी और ट्रैकिंग राडार के साथ-साथ कमांड और नियंत्रण पोस्ट का एक ओवरलैपिंग नेटवर्क भी शामिल है।
पृथ्वी वायु रक्षा (पीएडी) मिसाइल
पृथ्वी एयर डिफेंस (पीएडी) एक एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल है जिसे वायुमंडल (एक्सो-वायुमंडलीय) के बाहर आने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने के लिए विकसित किया गया है। इसकी परिचालन सीमा 300 किमी -2000 किमी है। इसकी अधिकतम अवरोधन ऊंचाई 80 किमी है। इसे इंटरमीडिएट क्रूजिंग फेज में आने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने के लिए डिज़ाइन किया गया है। मैक 5 से अधिक की अधिकतम गति के साथ, PAD मध्यवर्ती दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने के लिए पर्याप्त तेज़ है।
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