इजराइल-हमास जंग के बीच क्रिसमस सीलिब्रेशन फीका पड़ गया है। इजराइली कंट्रोल वाला फिलिस्तीनी शहर बेथलहम प्रभु यीशु का जन्मस्थल है। यहां सड़कों पर रौनक नहीं है। अंधेरा और सन्नाट पसरा हुआ है। ईसा मसीह के जन्मदिन यानी क्रिसमस की खुशी यहां देखने को नहीं मिली।
इस बीच फिलिस्तीनी आर्टिस्ट राणा बिशारा ने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर बेथलेहम में 'चर्च ऑफ द नेटिविटी' के सामने एक इनक्यूबेटर के अंदर कांटों से घिरे यीशु मूर्ति दिखाई, जिसमें ईसा मसीह नवजात शिशु के रूप में दिखाए गए। बिशारा ने मैंगर स्क्वायर में अपने इस सांकेतिक कलाकृति को प्रदर्शित किया।
बेथलहम के चर्च में क्रिसमस ट्री नहीं सजी
बेथलहम के किसी भी चर्च में क्रिसमस ट्री नहीं सजी। वहीं, इवेंजेलिकल लूथरन चर्च में एक झांकी बनाई गई है। इसमें पत्थरों के बीच नवजात प्रभु यीशु दिख रहे हैं।चर्च के पादरी फादर डॉ. मुंथर इशाक ने बताया कि यह झांकी फिलिस्तीनियों की स्थिति दिखाती है। यह जंग में मारे गए नवजातों, मलबे से निकाले गए बच्चों को समर्पित है।
हमास के टनल तबाह कर रही सेना
इधर, गाजा सिटी में इजराइली सेना को एक सुरंग में बंधक बनाए गए 5 लोगों के शव मिले हैं। सेना ने कहा- हमारा मकसद हमास के साथ उसके टनल नेटवर्क को तबाह करना है। रविवार शाम हमें एक सुरंग में 5 लोगों के शव मिले। इन लोगों को हमास आतंकियों ने 7 अक्टूबर को बंधक बनाया था।
जंग के बारे में फैसला बाहरी ताकतें नहीं करेंगी
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कर दिया है कि उनका देश हमास के खिलाफ जारी जंग में किसी दूसरे देश के दबाव में नहीं आएगा। रविवार को मीडिया से बातचीत में नेतन्याहू ने कहा- अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मेरी बातचीत हुई है। मैंने उन्हें बता दिया है कि इजराइल इस बार अपने टारगेट हासिल किए बिना जंग बंद नहीं करेगा।
दूसरी तरफ, इजराइल ने अब गाजा और लेबनान में एक साथ हमले शुरू कर दिए हैं। इसकी वजह यह है कि लेबनान के हिजबुल्लाह गुट को ईरान से हथियार मिल रहे हैं और वो हमास की मदद के लिए इजराइल पर बड़े हमले कर रहा है।
बंधकों को छुड़ाना पहला टारगेट
नेतन्याहू ने कहा- जिन लोगों को अमेरिका और इजराइल के बीच बातचीत पर कयास लगाने हैं, उन्हें रोका नहीं जा सकता। सच्चाई ये है कि अमेरिका ने हमसे अब तक सीजफायर के लिए नहीं कहा। खुद प्रेसिडेंट बाइडेन कह चुके हैं कि उन्होंने इजराइल से सीजफायर के लिए नहीं कहा। कम से कम अब तो इस तरह के कयास नहीं लगाए जाने चाहिए।
इजराइली प्रधानमंत्री ने आगे कहा- हमारे 1200 नागरिक मारे गए। बच्चों और महिलाओं को दरिंदगी का निशाना बनाया गया। अब गाजा में जंग तब तक नहीं रुकेगी, जब तक हम अपने सभी टारगेट हासिल नहीं कर लेते। सबसे पहले बंधकों को छुड़ाएंगे और इसके साथ ही हमास का पूरा खात्मा किया जाएगा। इस बारे में किसी को कोई शक नहीं होना चाहिए। मैंने प्रेसिडेंड बाइडेन से भी कहा है कि जब तक पूरी जीत हासिल नहीं होगी, इजराइल रुकने वाला नहीं है। अमेरिका को इस बारे में हर चीज बताई जा चुकी है। कोई दूसरा देश हमें आदेश नहीं दे सकता। दबाव नहीं डाल सकता।
दोनों मोर्चों पर जंग की काबिलियत
इजराइल डिफेंस फोर्सेस (IDF) ने रविवार रात एक बयान जारी किया। कहा- लेबनान और गाजा से हमारे देश पर हमले हो रहे हैं। अब हमने दोनों फ्रंट्स पर एक साथ और एक जैसा जवाब देना शुरू कर दिया है। हिजबुल्लाहा को बाहरी ताकतों से मदद मिल रही है और हमारे पास इसके सबूत हैं। लेकिन, इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। अब हम हमास और हिजबुल्लाह दोनों का खात्मा करके ही दम लेंगे।
IDF ने आगे कहा- कम्बाइंड वॉर स्ट्रैटेजी के तहत टारगेट सिलेक्ट कर लिए गए हैं। इन्हें तबाह किया जाएगा। उनके पास लॉन्च साइट्स और आर्टिलरी हैं। इनसे कैसे निपटना है, ये हमने प्लान कर लिया है। बहुत जल्द इसके नतीजे सामने होंगे। इजराइल के लिए ये इसलिए बड़ी चुनौती नहीं है, क्योंकि हम इस तरह के हालात का सामना पहले भी कर चुके हैं और हमारी फौज इस बारे में पहले भी बता चुकी है।
इजराइल के 14 सैनिक मारे गए
इजराइल के लिए शनिवार-रविवार भारी साबित हुए। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक- इजराइली सेना के 14 सैनिक मारे गए हैं। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस बारे में कहा- हमने अपने सैनिक गंवाए हैं और यह तय मानिए कि इजराइल हर सैनिक की मौत का बदला लेगा। हमने कैबिनेट मीटिंग में कुछ चीजों पर विचार किया है, लेकिन वो मीडिया को नहीं बताई जा सकतीं।
'अल-अक्सा फ्लड' के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन 'सोर्ड्स ऑफ आयरन'
हमास ने इजराइल पर 7 अक्टूबर को हमला किया था। उसने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को 'अल-अक्सा फ्लड' नाम दिया। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ 'सोर्ड्स ऑफ आयरन' ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।
वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।