पाकिस्तान में मनाई गई जन्माष्टमी, इकलौते हिंदू बहुल इलाके अमरकोट में सजे मंदिर, जानें क्या बोले श्रद्धालु
Updated on
08-09-2023 02:04 PM
वॉशिंगटन: हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में कृष्ण जन्माष्टमी है। साल 2023 में इसे 6 और 7 सितंबर को मनाया गया। पूरी दुनिया में मौजूद हिंदुओं ने भी इस त्योहार को मनाया। पाकिस्तान में भी हिंदुओं ने इसे मनाया है। पाकिस्तान के अमरकोट (उमरकोट) के मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पहुंची। इस दौरान अमरकोट के राणा हमीर सिंह भी मौजूद रहे। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह पाकिस्तान का इकलौता हिंदु बाहुल्य क्षेत्र है, जहां की आबादी में 52 फीसदी हिंदू हैं। ऐसे में यहां हिंदू त्योहार मनाया जाता है। लेकिन पाकिस्तान के ज्यादातर हिस्सो में कट्टरपंथी त्योहारों को नहीं मनाने देते।
पाकिस्तान में 2021 में सिंध के खिप्रो में हिंदू मंदिरों पर हमला किया गया। इस दौरान मंदिर में तोड़फोड़ की गई। पाकिस्तानी एक्टिविस्ट ने इसके बारे में ट्वीट कर जानकारी दी थी। तब उन्होंने कहा था कि यह लोग कृष्ण जन्माष्टमी मना रहे थे। इस कारण इन लोगों पर हमला किया गया। उन्होंने यह भी तब सवाल खड़ा किया था कि पाकिस्तान में इस्लाम के खिलाफ झूठे ईशनिंदा में भी सजा मिलती है। लेकिन हिंदुओं के खिलाफ होने वाले अपराध में कोई सजा नहीं है।
प्रदर्शन कर रहे हिंदुओं पर लाठीचार्ज
पाकिस्तान के हिंदू समुदाय और अन्य धर्मों के कई सदस्य बृहस्पतिवार को उस समय घायल हो गए जब सिंध प्रांत में पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया। प्रदर्शनकारी फिरौती के लिए हिंदू व्यापारियों और अल्पसंख्यक समुदायों के अन्य लोगों के अपहरण के बढ़ते मामलों के खिलाफ धरना दे रहे थे। सिंध प्रांत के काशमोर में नदी क्षेत्रों में डाकुओं की ओर से अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ सदस्यों के अपहरण को लेकर समुदाय के सदस्य एक सितंबर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने बृहस्पतिवार को भी अपना धरना जारी रखा। पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के एक प्रभावशाली नेता के हस्तक्षेप के बावजूद प्रदर्शनकारियों के धरना समाप्त करने से इनकार करने पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया जिससे कुछ लोग घायल हो गए।
पुलिस पर नहीं है भरोसा
समुदाय के सदस्य शिव काची ने टेलीफोन पर पीटीआई-भाषा को बताया, ‘पूर्व मंत्री और पीपीपी के प्रभावशाली नेता अहसान मजारी प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए शुरू में उनके साथ शामिल हुए और दो अपहृत हिंदू व्यापारियों को डकैतों के कब्जे से मुक्त कराया।’ उन्होंने कहा कि दो अपहृत व्यापारियों की रिहाई के बाद, मजारी ने प्रदर्शनकारियों से प्रदर्शन खत्म करने को कहा और उन्हें आश्वासन दिया कि अधिकारी अब मामले को संभालेंगे और अन्य लोगों को रिहा कराएंगे। काची ने कहा, ‘लेकिन जब प्रदर्शन में शामिल लोगों ने साफ इनकार कर दिया और कहा कि उन्हें स्थानीय पुलिस अधिकारियों पर कोई भरोसा नहीं है तो मजारी चले गए और थोड़ी देर बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। लेकिन चोटों के बावजूद कुछ लोग अब भी धरना स्थल पर मौजूद हैं।’
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