जयशंकर ने दिखाए सख्त तेवर तो झुके कनाडा के पीएम ट्रूडो, बोले, भारत उभरती ताकत, चाहते हैं अच्छे संबंध
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29-09-2023 12:54 PM
ओटावा: भारत के साथ तनाव पर अब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के सुर नरम पड़ने लगे हैं। कनाडा के अखबार नेशनल पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक पीएम ट्रूडो ने कहा है कि वह अभी भी भारत के साथ मजबूत और घनिष्ठ संबंधों को कायम रखने पर प्रतिबद्ध हैं। ट्रूडो के मुताबिक खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के शामिल होने के आरोपों के बावजूद वह भारत के साथ आगे बढ़ाना चाहते हैं। उनकी मानें तो दुनिया भर में भारत का कद और उसका प्रभाव बढ़ रहा है। ऐसे में यह 'बेहद महत्वपूर्ण' है कि कनाडा और उसके सहयोगी भारत के साथ जुड़े रहें।
ट्रूडो की खास बातें गुरुवार को मॉन्ट्रियल में एक प्रेस ब्रीफिंग में ट्रूडो ने कई अहम बातें कहीं। उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि यह बेहद महत्वपूर्ण है कि कनाडा और उसके सहयोगी विश्व मंच पर भारत के बढ़ते महत्व को समझें। भारत की प्रभावशीलता को देखते हुए उसके साथ रचनात्मक और गंभीरता से जुड़ते रहें। ट्रूडो के शब्दों में, 'भारत एक बढ़ती आर्थिक शक्ति और महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक खिलाड़ी है। हमने पिछले साल अपनी इंडो-पैसिफिक रणनीति में भी यही बताया है। हम भारत के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने को लेकर बहुत गंभीर हैं।'
फिर दोहराई वही पुरानी बात हालांकि ट्रूडो ने निज्जर मामले में फिर वही पुरानी बात भी दोहराई। ट्रूडो ने कहा, 'उसी समय हमें इस बात पर जोर देने की जरूरत है कि भारत को यह सुनिश्चित करने के लिए कनाडा के साथ काम करने की जरूरत है कि हमें इस मामले के पूरे तथ्य मिलें।' ट्रूडो ने कहा था कि उन्हें अमेरिका से भरोसा मिला है कि विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन वाशिंगटन में अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर के साथ मीटिंग में निज्जर हत्या का मामला उठाएंगे। लेकिन अमेरिकी विदेश विभाग की तरफ से आया रीडआउट ट्रूडो की उम्मीदों पर पानी फेरने वाला है। जो रीडआउट जारी हुआ है उससे पता लगता है कि ब्लिंकन और जयशंकर के बीच इस मसले पर कोई बात नहीं हुई है।
जयशंकर ने दिया करारा जवाब ट्रूडो की तरफ से भारत पर लगाए गए आरोपों पर जयशंकर ने पिछले दिनों पलटवार किया था। उन्होंने कहा था कि, 'भारत सरकार की नीति नहीं है'। जयशंकर ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के बाद न्यूयॉर्क में विदेश संबंध परिषद में बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि भारत ने पहले ही कनाडा को बता दिया था कि वह विशिष्ट और प्रासंगिक जानकारी देखने के लिए तैयार है। ट्रूडो के आरोपों के कारण भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद पैदा हो गया है। नई दिल्ली ने ओटावा के दावों को 'बेतुका और प्रेरित' कहकर खारिज कर दिया है। दोनों देशों ने एक-दूसरे के वरिष्ठ राजनयिकों को निष्कासित किया है और अपने नागरिकों के लिए यात्रा परामर्श जारी किया है।
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