चेन्नै । पूर्व
विश्व चैम्पियन विश्वनाथ
आनंद ने कहा
है कि शतरंज
ओलिंपियाड में भारतीय
टीम को स्वर्ण
मिलने से अब
इस बात की
उम्मीद है कि
आने वाले समय
में शतरंज खिलाड़ियों
को भी राष्ट्रीय
पुरस्कार मिल पायेंगे।
आनंद ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि इससे कई सकारात्मक चीजें शुरू होगी जिसमें खेल मंत्रालय द्वारा अर्जुन पुरस्कार के लिए नाम पर विचार करने के साथ ही शतरंज के लिए द्रोणाचार्य अवॉर्ड भी शामिल है। पिछले काफी समय से किसी भी शतरंज खिलाड़ी को खेल पुरस्कार नहीं मिले हैं हालांकि आनंद को अर्जुन अवॉर्ड के अलावा खेल रत्न मिला है।
शतरंज के लिए अंतिम बार साल 2013 में अभिजीत गुप्ता को अर्जुन पुरस्कार मिला था। शतरंज में सिर्फ दो कोच को ही अब तक द्रोणाचार्य पुरस्कार मिला है, जिसमें रघुनंदन वसंत गोखले को सन 1986 और कोनेरू अशोक को साल 2006 में मिला था। आनंद ने कहा, ‘कई बार आपको अपनी मौजूदगी का अहसास कराना होता है और मुझे उम्मीद है कि इस बार मिली जीत से सकारात्मक प्रेरणा मिलेगी।’