समुद्र से 300 साल बाद निकलेगा अरबों पाउंड का खजाना, युद्ध के दौरान डूबा था जहाज, यह देश होगा मालामाल!
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07-11-2023 01:21 PM
तेल अवीव: सात अक्टूबर को इजरायल पर हमास ने अचानक हमला बोला और इसके बाद से ही नया संघर्ष शुरू हो गया है। इस संघर्ष की वजह से कई हजार फिलिस्तीनी कर्मी इजरायल से गाजा वापस लौट गए। नतीजा इजरायल में अच्छे फिलिस्तीनी वर्कर्स की कमी हो गई। अब इस कमी को इजरायल भारत की मदद से पूरा करना चाहता है। ब्लू कॉलर जॉब्स यानी कंस्ट्रक्शन, मशीन ऑपरेटर्स और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े क्षेत्र में अच्छे वर्कर्स की कमी को भारत की मदद से दूर करना चाहता है। इजरायल को इन ब्लू कॉलर्स जॉब्स के लिए भारतीय श्रमिकों की जरूरत है। इजरायल को करीब एक लाख भारतीय श्रमिकों की जरूरत है।
भारतीय मजदूर करेंगे इजरायल में काम सूत्रों ने बताया, 'हम भारतीय श्रमिकों को इजरायल में काम देने पर विचार कर रहे हैं। इसकी शुरुआत करीब 20000 से होगी। हमें निर्माण गतिविधियों और इनफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी बाकी नौकरियों के लिए उनकी आवश्यकता है।' सूत्रों की मानें तो अभी तक कुछ भी औपचारिक नहीं है। इसे सही प्रक्रिया से होकर गुजरना है। इसके तहत भारत सरकार से संपर्क किया जाएगा और तब ही इसे अंतिम मंजूरी मिलेगी। एक रिपोर्ट पर अगर यकीन करें तो इजरायल ने करीब 90000फिलिस्तीनियों के वर्क परमिट कैंसिल कर दिए हैं। इसकी वजह से चालू प्रोजेक्ट्स को पूरा करने या जारी रखने के लिए श्रमिकों की तुरंत जरूरत पड़ गई है।
भारत से श्रमिकों को लाने की मांग न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि इजरायली बिल्डर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष हैम फीग्लिन ने कहा है कि उन्हें अपनी परियोजनाओं को जारी रखने के लिए करीब एक लाख श्रमिकों की जरूरत है। उन्होंने इन श्रमिकों को भारत से लाने की मांग की है। गाजा पट्टी में इजरायली सेना और हमास के बीच जारी युद्ध की वजह से करीब इतनी ही संख्या में फिलिस्तीनियों ने अपना वर्क परमिट गंवा दिया है। फीग्लिन ने कहा कि इस संबंध में भारत के साथ बातचीत जारी है। फिलहाल इसे मंजूरी देने के लिए इजरायली सरकार के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि पूरे क्षेत्र में काम करने के लिए भारत से करीब 50000 से एक लाख श्रमिकों को शामिल करेंगे। साथ ही निर्माण और बाकी गतिविधियों को भी सामान्य स्थिति में ला सकेंगे।
क्या भारत से जाएंगे मजदूर संघर्ष के विस्तार होने की वजह से और घायलों की बढ़ती संख्या ने इजरायल और फिलिस्तीन के बीच भरोसे को कम कर दिया है। इसलिए, बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी श्रमिकों को इजरायल छोड़ना पड़ा। इस साल मई में विदेश मंत्री एस जयशंकर और इजरायल के विदेश मंत्री एली कोहेन के बीच एक समझौते (एमओयू) पर साइन हुए थे। समझौते के तहत करीब 34000 भारतीय मजदूर कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में और करीब 8000 भारतीय मजदूरों की नर्सिंग के क्षेत्र में तैनात की संभावना जताई गई थी।
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