न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, इजराइल ने हमास अटैक में UN स्टाफ के शामिल होने के सबूत दिए हैं। इजराइल ने कहा- UN के एक स्टाफ मेंबर ने इजराइली महिला को अगवा करने में हमास आतंकियों की मदद की थी। इसके अलावा एक मेंबर आतंकियों को हथियार सप्लाई कर रहा था। एक स्टाफ मेंबर ने लोगों की जान भी ली थी।
इजराइल ने 26 जनवरी को UN एजेंसी के स्टाफ पर हमास अटैक में शामिल होने का आरोप लगाया था। इसके बाद 12 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया। इस बीच जॉर्डन-सीरिया बॉर्डर पर बने अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर रविवार देर रात ड्रोन अटैक हुआ। इसमें 3 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई।गाजा में इजराइली लोगों को बसाने का प्लान
इजराइल गाजा में अपने लोगों को बसाने का प्लान बना रहा है। टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक, 12 मंत्रियों का कहना है कि जंग के बाद गाजा में नई बस्तियां बनाई जाए और इनमें इजराइली नागरिकों को बसाया जाए।
रिपोर्ट के कहा गया कि यहूदी सेटलर्स अब गाजा बॉर्डर के पास पहुंचने लगे हैं। सेटलर्स वो यहूदी हैं जिन्हें इजराइल की सरकार फिलिस्तीनी इलाकों में बसाती है। 27 जनवरी को कुछ सेटलर्स ने 2 इजराइली बच्चों को देश का झंडा थमाकर गाजा बॉर्डर के नीचे से गाजा पट्टी की तरफ भेजा दिया।
UN की फंडिंग बंद न करें देश
UN स्टाफ पर लगे आरोपों के बाद 9 देशों ने UN एजेंसी को दी जाने वाली फंडिंग रोक दी। इसके बाद UN ने अमेरिका समेत 8 देशों से अपील की है कि वो इस संगठन की फंडिंग बंद न करें, क्योंकि ये दुनिया में उन देशों या वहां के लोगों की मदद करता है जो किसी न किसी रूप में हिंसा या भूख से जुड़ी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।
दूसरी तरफ, फ्रांस की राजधानी पेरिस में एक अहम बातचीत शुरू हो रही है। इसमें इजराइल और हमास के बीच सीजफायर कराने के अलावा होस्टेज डील पर विचार किया जाएगा।
UN चीफ की अपील
UN चीफ एंतोनियो गुतरेस ने कहा- हमें अपने 12 कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत और सबूत मिले थे। इसके बाद तेजी से एक्शन लिया गया और 9 कर्मचारियों को हटा दिया गया। ये सभी UN रिलीफ एंड वर्क एजेंसी यानी UARWA से जुड़े थे। इन पर आरोप थे कि इजराइल में 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमलों में इनकी भी भूमिका थी। इन लोगों ने इन हमलों में हिस्सा लिया था।
अब तक इजराइल और UN दोनों ने ही इन कर्मचारियों और इनके रोल की डीटेल्स पब्लिक नहीं की हैं। गुतरेस के मुताबिक, अगर हमें अगले महीने के लिए फंड्स नहीं मिले तो गाजा में रहने वाले करीब 20 लाख लोगों को खाना और पीने का पानी तक नहीं भेजा जा सकेगा। जिन लोगों के इन हमलों में शामिल होने का आरोप है है, उनमें से एक की मौत हो चुकी है।
UNRWA के चीफ फिलिप लजारिनी ने कहा कि एजेंसी की साख को बचाने के लिए सभी आरोपियों को बर्खास्त करने का फैसला किया गया। इस एजेंसी को 1948 में उन फिलिस्तीनियों को राहत पहुंचाने के लिए बनाया था, जो इजराइली कब्जे में बेघर हो गए थे।
फिलहाल ये एजेंसी गाजा, वेस्ट बैंक, सीरिया, जॉर्डन और लेबनान में 60 लाख लोगों की मदद कर रही है। इसका आम नागरिकों तक राहत का सामान पहुंचाना और उनकी मदद करना है। अब तक अमेरिका, ब्रिटेन, फिनलैंड, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, इटली, जर्मनी, फिनलैंड और स्विटजरलैंड UNRWA को फंड रोकने का ऐलान कर चुके हैं।
सीजफायर के लिए नए सिरे से बातचीत
अमेरिकी की अगुआई में हमास और इजराइल के बीच सीजफायर की नई कोशिश शुरू हो गई है। इसके लिए फ्रांस की राजधानी पेरिस में बातचीत शुरू होने जा रही है।
इस बातचीत के किसी नतीजे तक पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। इसमें कतर को भी शामिल किया गया है। हालांकि, दिक्कत ये है कि इजराइल और कतर के बीच कई मामलों में मतभेद साफ तौर पर सामने आ चुके हैं। माना जा रहा है कि इजराइल और हमास को साफ तौर पर ये बता दिया गया है कि अब कोई न कोई डील करनी ही होगी।
इजराइल की मांग है कि हर हाल में सबसे पहले बंधकों को रिहा किया जाए। दूसरी तरफ, हमास की मांग है कि कोई भी डील तभी हो सकती है, जब इजराइल कम से कम एक महीने का सीजफायर तय करे और इसके लिए इंटरनेशनल ऑब्जर्वर तैनात किए जाएं।
इसी रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने शनिवार रात इजिप्ट और कतर से बातचीत की है। सीआईए के डायरेक्टर विलियम जे बर्न्स इस वक्त पेरिस में हैं। इसके अलावा इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के चीफ भी पेरिस में है।