पाकिस्तान के बाद अब इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेश ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) ने भी अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की निंदा की है। मंगलवार को एक प्रेस रिलीज में OIC ने कहा- भारत के अयोध्या राज्य में जिस जगह पर पहले बाबरी मस्जिद ढहाई गई थी, वहीं राम मंदिर बनाना और फिर प्राण प्रतिष्ठा होना चिंता का विषय है।
OIC ने आगे कहा- हमने पिछले सेशन में विदेश मंत्रियों की काउंसिल की बैठक में भी अपना रुख साफ किया था। हम ऐसे कदमों की निंदा करते हैं, जिनका लक्ष्य बाबरी मस्जिद जैसे अहम इस्लामिक स्थलों को मिटाना है। बाबरी मस्जिद वहां 5 सदियों तक रही थी।
इससे पहले पाकिस्तान ने भी 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के विरोध में प्रेस रिलीज जारी किया था। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि ध्वस्त मस्जिद की जगह पर बना मंदिर आने वाले समय में भारतीय लोकतंत्र के माथे पर कलंक की तरह रहेगा।
PAK ने कहा था- भारत में मुस्लिमों को दरकिनार करने की कोशिश
विदेश मंत्रालय के प्रेस रिलीज में लिखा था कि भारत में बढ़ती 'हिंदुत्व' विचारधारा धार्मिक सद्भाव और क्षेत्रीय शांति के लिए बड़ा खतरा है। ऐसा करके भारत मुस्लिमों को दरकिनार करने की कोशिश कर रहा है।सदियों पुरानी बाबरी मस्जिद को 6 दिसंबर 1992 को चरमपंथियों की भीड़ ने तोड़ दिया था।
अफसोस की बात है कि भारत की सुप्रीम कोर्ट ने न सिर्फ इसके लिए जिम्मेदार अपराधियों को बरी कर दिया, बल्कि ध्वस्त मस्जिद की जगह पर एक मंदिर के निर्माण की भी इजाजत दे दी। यह भारतीय मुसलमानों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से हाशिए पर धकेलने के लिए चल रही कोशिशों में से एक है।
क्या है इस्लामिक संगठन OIC?
OIC इस्लामिक या मुस्लिम बहुल देशों का संगठन है। इसमें कुल 57 देश सदस्य हैं। OIC में सऊदी अरब का दबदबा है। हालांकि सऊदी अरब दुनिया के उन टॉप 10 देशों में भी शामिल नहीं है, जहाँ मुस्लिम आबादी सबसे ज्यादा है। हालांकि इस्लाम के लिहाज से मक्का और मदीना के कारण सऊदी अरब काफी अहम इस्लामिक देश माना जाता है।
OIC के गठन के वक्त इसका मकसद फिलिस्तीन की मदद करना और उसे इजराइल के साए से मुक्त कराना था। कश्मीर मुद्दे पर भी OIC ने ज्यादातर पाकिस्तान का ही साथ दिया है। संगठन ने हमेशा यही कहा है कि UN के 1948-49 के प्रस्ताव के हिसाब से कश्मीरियों को अपने लिए खुद फैसला करने का अधिकार मिलना चाहिए।
मुस्लिम आबादी में भारत तीसरा बड़ा देश, फिर भी OIC का सदस्य नहीं
इस्लामिक देशों के अलावा 2005 में रूस को ऑब्जर्वर के तौर पर संगठन में शामिल किया गया था। इसके अलावा 1998 में बौद्ध देश होने के बावजूद थाइलैंड को 1998 में सुपरवाइजर के तौर पर OIC में शामिल किया गया था।
2022 के आंकड़ों के मुताबिक, भारत मुस्लिम आबादी के लिहाज से तीसरा सबसे बड़ा देश है। इसके बावजूद भारत OIC का सदस्य नहीं है। 2006 में सऊदी अरब के किंग अब्दुल्लाह बिन अब्दुल अजीज भारत के दौरे पर आए थे। इस दौरान उन्होंने संगठन में भारत को पर्यवेक्षक बनाने की बात कही थी।
हालांकि, पाकिस्तान ने इसका विरोध किया था। पड़ोसी मुल्क ने कहा था कि जो भी देश OIC में पर्यवेक्षक का दर्जा चाहता है, उसका संगठन के किसी भी सदस्य देश के साथ कोई भी विवाद नहीं होना चाहिए।