ईरान में एक महिला को हिजाब पहनने से इनकार करने पर 74 कोड़े मारने की घटना सामने आई है। 33 साल की रोया हेशमती पर राजधानी तेहरान में पुलिस ने कई बार बिना हिजाब पहने घूमने पर नियम न मानने का आरोप लगाया गया।
न्यायपालिका की मिजान ऑनलाइन वेबसाइट के मुताबिक, रोया ने तेहरान में सार्वजनिक स्थानों पर बगैर सिर ढंके घूमकर नियम का उल्लंघन किया है। इसलिए सार्वजनिक नैतिकता का उल्लंघन करने के लिए शरिया कानून के तहत रोया को 74 कोड़े मारने की सजा सुनाई गई। इसके अलावा रोया पर लगभग 24 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया।
आमतौर पर नियम के अनुसार हिजाब न पहनने पर कोड़े मारना असामान्य है। हालांकि, महिला ड्रेस कोड को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू होने से नियम न मानने वालों पर सख्ती बढ़ गई है। विरोध प्रदर्शन ड्रेस कोड के कथित उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार 22 साल की महसा अमिनी की हिरासत में मौत होने से शुरू हुए थे।
ईरान में हिजाब न पहनने पर मां-बेटी पर हुआ था हमला
ईरान में अप्रैल 2023 में हिजाब न पहनने पर एक आदमी ने 2 महिलाओं के सिर पर दही डाल दिया था। इसके बाद पुलिस ने उन दोनों महिलाओं को ही गिरफ्तार कर लिया था। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसमें नजर आ रहा था कि मां-बेटी एक दुकान पर सामान खरीदने जाती हैं। तभी एक आदमी हिजाब न पहनने पर उनसे बहस करता है और फिर उनके सिर पर दही डाल देता है। पुलिस ने उस आदमी को भी माहौल बिगाड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने तब कहा था- हिजाब देश के कानून का हिसा है। अगर कुछ लोग इसमें विश्वास नहीं रखते हैं तो उनको समझाना जरूरी है। हिजाब को लेकर देश में एक कानून है और इसको पालन होना आवश्यक है। ईरान के चीफ जस्टिस घोलम-होसैन मोहसेनी एजेई ने भी कहा था कि जो महिलाएं सार्वजनिक जगहों पर बिना हिजाब के नजर आएंगी उनका बख्शा नहीं जाएगा।हिजाब न पहनने पर इतना टॉर्चर किया महसा कि गई जान
ईरान में 13 सितंबर 2022 को महसा अमिनी की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई। पुलिस ने उसे हिजाब नहीं पहनने के लिए गिरफ्तार किया था। ईरान की कट्टरपंथी सरकार ने महिलाओं के लिए हिजाब पहनना मेंडेटरी कर दिया है। यहां जो महिलाएं इस आदेश का पालन नहीं कर रहीं हैं, उन्हें गिरफ्तारी के बाद टॉर्चर किया जा रहा है।
22 साल की महसा अमिनी अपने परिवार से मिलने तेहरान आई थी। उसने हिजाब नहीं पहना था। पुलिस ने तुरंत महसा को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के 3 दिन बाद, यानी 16 सितंबर को उसकी मौत हो गई। इसके बाद ईरान में कई बार प्रदर्शन हुए।
हिजाब पहनने की अनिवार्यता 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद लागू हुई
ईरान में वैसे तो हिजाब को 1979 में मेंडेटरी किया गया था, लेकिन 15 अगस्त को प्रेसिडेंट इब्राहिम रईसी ने एक ऑर्डर पर साइन किए और इसे ड्रेस कोड के तौर पर सख्ती से लागू करने को कहा गया। 1979 से पहले शाह पहलवी के शासन में महिलाओं के कपड़ों के मामले में ईरान काफी आजाद ख्याल था।