'गोल्डेन ट्रैंगल' ड्रग्स का गढ़
म्यांमार, लाओस और थाइलैंड की सीमा के इलाके को 'गोल्डेन ट्रैंगल' कहा जाता है। इस पूरे इलाके को लंबे समय से ड्रग्स के अवैध उत्पादन और तस्करी के लिए जाना जाता है। इसमें भी खासकर मेथामफेटामाइन और अफीम शामिल है। म्यांमार के इस अफीम बिजनस का कुल कारोबार 1 अरब डॉलर से बढ़कर अब 2.4 अरब डॉलर तक पहुंच गया है जो देश की कुल जीडीपी का 1.7 से लेकर 4.1 प्रतिशत तक है। पिछले साल म्यांमार में 790 मीट्रिक टन अफीम का उत्पादन हुआ था।
म्यांमार में साल 2021 में सेना के सत्ता पर कब्जा करने के बाद देश की अर्थव्यवस्था संघर्ष और अस्थिरता से जूझ रही है। इसी वजह से कई किसान बड़े पैमाने पर अफीम का उत्पादन करने के लिए बाध्य हुए हैं। इसके अलावा किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए बाजार की मौजूदगी नहीं होना और तेजी से बढ़ती महंगाई ने संभवत: किसानों को और ज्यादा अफीम की ओर खींचा है। अफीम का यह उत्पादन 20 साल में सबसे ज्यादा है। आलम यह है कि म्यांमार में अफीम की पूरी सुविधा के साथ खेती हो रही है। किसान फर्टिलाइजर का इस्तेमाल उत्पादन को बढ़ाने के लिए कर रहे हैं।