ट्रंप के टैरिफ से भारत अब तक अछूता, क्या चाहता है अमेरिका? बन गई बात तो हो जाएगा खेल
Updated on
12-03-2025 04:04 PM
नई दिल्ली: भारत और अमेरिका एक व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। इसका लक्ष्य दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ाना है। यह बातचीत ऐसे समय हो रही है जब दुनिया में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ट्रेड पॉलिसी से हड़कंप मचा हुआ है। उन्होंने भारत पर भी जवाबी शुल्क यानी रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। लेकिन, जिस समझौते पर चर्चा जारी है वह पूरा खेल सेट कर देगा। यह भारत और अमेरिका के बीच कारोबार को दोगुना कर 2030 तक 500 अरब डॉलर पहुंचाने की नींव तैयार करेगा। सबसे बड़ी बात यह है कि अमेरिका ने भारत को अब तक रेसिप्रोकल टैरिफ से बाहर रखा है। तमाम चेतावनियों के बीच यह दिखाता है कि अमेरिका भारत से किस हद तक उम्मीद कर रहा है।
भारत और अमेरिका के बीच इस समझौते का मकसद दोनों देशों के बाजारों तक पहुंच बढ़ाना है। साथ ही, आयात शुल्क और गैर-शुल्क बाधाओं को कम करना भी है। इसके अलावा, सप्लाई चेन इंटीग्रेशन को बेहतर बनाने पर भी फोकस किया जा रहा है। वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में इस बारे में जानकारी दे चुके हैं। उन्होंने कहा, 'दोनों देश एक पारस्परिक रूप से लाभकारी, बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत करने की योजना बना रहे हैं।' उन्होंने यह भी बताया कि अभी तक अमेरिका ने भारत पर कोई रेसिप्रोकल टैरिफ नहीं लगाया है।
अमेरिका ने 13 फरवरी को रेसिप्रोकल ट्रेड और टैरिफ पर एक ज्ञापन (मेमोरैंडम) जारी किया था। इसमें वाणिज्य सचिव और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि को ट्रेड पार्टनर्स की ओर से अपनाई गई किसी भी गैर-पारस्परिक व्यापार व्यवस्था से अमेरिका को होने वाले नुकसान की जांच के लिए जरूरी ऐक्शन को कहा गया है। साथ ही, हरेक ट्रेड पार्टनर के लिए प्रस्तावित उपायों के साथ एक रिपोर्ट देने को भी कहा गया है।
पिछले महीने पीएम मोदी गए थे अमेरिका
पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुने से भी ज्यादा बढ़ाकर 500 अरब डॉलर करने की अपनी प्रतिबद्धता की घोषणा की थी। साथ ही, 2025 तक एक पारस्परिक रूप से लाभकारी, बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) के पहले चरण पर बातचीत करने की भी घोषणा की थी।
प्रसाद के मुताबिक, भारत पारस्परिक रूप से लाभकारी और निष्पक्ष तरीके से द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को बढ़ाने और व्यापक बनाने के लिए अमेरिका के साथ बातचीत जारी रखे हुए है। उन्होंने कहा, 'यह एक सतत प्रक्रिया है और भारतीय निर्यातक व्यापार को विविधतापूर्ण बनाने और नए निर्यात स्थलों की तलाश में लगे हुए हैं।' भारत के निर्यात में अमेरिका का कालीनों में 59.11%, इलेक्ट्रॉनिक्स में 34.5% और इंजीनियरिंग सामान में 16.12% हिस्सा है।
क्यों महत्वपूर्ण होगा यह समझौता?
एक अलग जवाब में प्रसाद ने बताया कि भारत की टैरिफ पॉलिसी का उद्देश्य व्यापार को नियंत्रित करना, घरेलू उद्योगों की रक्षा करना और आयातित और निर्यातित वस्तुओं पर टैक्स के जरिये रेवेन्यू पैदा करना है। उन्होंने कहा, 'हाल के सुधारों ने टैरिफ ढांचे को सुव्यवस्थित करने और व्यापार को सुविधाजनक बनाने पर फोकस किया है।'
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