तारीख- 27 फरवरी, साल- 2019, पुलवामा में हुए आतंकी हमले को 13 दिन हुए थे। भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान कश्मीर में पाकिस्तानी एयरक्राफ्ट के घुसपैठ की निगरानी कर रहे थे।
इस दौरान वो पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में चले गए, उनके एयरक्राफ्ट पर पाकिस्तानी एफ-16 ने मिसाइल दाग दी।अभिनंदन खुद को विमान से इजेक्ट करने में कामयाब रहे, हालांकि, वो पाकिस्तान की सेना के हाथ लग गए।
अभिनंदन को बचाने के लिए भारत ने पाकिस्तान पर 9 मिसाइलें तान दी थी। ये किसी भी पल फायर की जा सकती थी। ये खुलासा पूर्व हाई कमिश्नर अजय बिसारिया ने अपनी किताब- एंगर मैनेजमेंट : 'द ट्रबल्ड डिप्लोमेटिक रिलेशन्स बिटवीन इंडिया एंड पाकिस्तान' में किया है। मिसाइलों से घबराए पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आधी रात में फोन किया था।
PM मोदी ने इमरान खान से बात नहीं की
बिसारिया ने किताब में बताया है कि उन्हें आधी रात को इस्लामाबाद में भारत के तत्कालीन उच्चायुक्त सोहेल महमूद का फोन आया था। उन्होंने कहा था कि इमरान खान पीएम मोदी से बात करना चाहते हैं।
बिसारिया ने दिल्ली में लोगों से बात की और महमूद से कहा कि मोदी खान से बात करने के लिए उपलब्ध नहीं हैं। कोई जरूरी मैसेज है तो वो खुद उच्चायुक्त को दिया जा सकता है। उस रात बिसारिया ने महमूद से दोबारा बात नहीं की।
बिसारिया के मुताबिक बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रैली में 27 फरवरी की रात को कत्ल की रात बताया था। इमरान खान ने मोदी को फोन करने के अगले ही दिन यानी 28 फरवरी को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में घोषणा की थी कि विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान की रिहाई के आदेश दे दिए हैं। पाकिस्तान ने अभिनंदन की रिहाई से दुनिया को ये दिखाने की कोशिश की थी कि वो शांति चाहता है।
हालांकि, सच तो ये था कि पाकिस्तान भारत से डर गया था। दरअसल, अमेरिका और ब्रिटेन के भारत और पाकिस्तान में मौजूद राजदूतों ने पाकिस्तान को सतर्क किया था। बिसारिया के मुताबिक राजदूतों ने पाकिस्तान को समझाया था कि भारत अपने सैनिक को बचाने के लिए उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई कर सकता है।
उनकी चेतावनियों से पाकिस्तान को इतना खतरा महसूस होने लगा था कि पाकिस्तान ने न सिर्फ अभिनंदन को रिहा करने का फैसला किया बल्कि पुलवामा के आरोपियों पर कार्रवाई करने का भी आश्वासन देने को तैयार हो गया था। इस दौरान पाकिस्तान ने अमेरिका और ब्रिटेन के राजदूतों से 3 बार मुलाकात की थी।
भारत ने कभी आधिकारिक तौर पर ये स्वीकार नहीं किया कि पाकिस्तान पर 9 मिसाइलें तानी थी। हालांकि, बिसारिया की किताब के मुताबिक पश्चिमी देशों के राजदूतों से मुलाकात के दौरान पाकिस्तान के फॉरेन सेक्रेटरी तहमीना जंजुआ ने अपनी फौज की तरफ से भेजा एक मैसेज पढ़ा था। इसमें लिखा था कि भारत ने 9 पाकिस्तान की तरफ 9 मिसाइलें तानी हुई हैं।
इमरान की मोदी से मुलाकात कराने के लिए बिसारिया से संपर्क किया
किताब में बिसारिया ने दावा किया है कि इमरान के एक करीबी दोस्त ने एससीओ शिखर सम्मेलन के इतर बिश्केक में इमरान और मोदी के बीच मुलाकात और बातचीत के लिए उनसे संपर्क किया था।
इमरान खान प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर ये बताना चाहते थे कि वो आतंकवाद से निपटने के लिए कितनी ईमानदारी से काम कर रहे हैं।