बीजिंग । भारत के साथ सीमा पर तनाव के बीच चीन ने अपनी सेनाएं वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से कुछ पीछे तैनात कर रखी हैं। चीन के रक्षा विशेषज्ञ और पूर्व सैन्य अधिकारी वॉन्ग हॉन्गुआंग का मानना है कि सीमा पर जिस तरह के हालात हैं, वे कभी भी युद्ध में तब्दील हो सकते हैं। चीनी विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि भारत ने सीमा पर अपनी सेना दोगुनी कर दी है। इसलिए ड्रैगन को किसी भी वक्त अचानक हमले के लिए अलर्ट रहना चाहिए। चीन के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल वॉन्ग हॉन्गुआंग ने एक समाचारपत्र में लिखे आलेख में कहा कि भारत को एलएसी पर सिर्फ 50 हजार सैनिकों की जरूरत होती है, लेकिन इस बार सर्दी आने पर सैनिक कम करने की जगह उसने एक लाख और सैनिकों को लद्दाख भेज दिया है। भारत ने सीमा पर अपनी सैनिकों की संख्या तीन गुना बढ़ा दी है। ये सैनिक कुछ ही देर में चीनी सीमा में प्रवेश कर सकते हैं । वॉन्ग नान्जिंग मिलिट्री क्षेत्र के पूर्व डेप्युटी कमांडर हैं, जो अब ईस्टर्न थिअटर कमांड हो गया है। हालांकि, वॉन्ग ने इस बात का जानकारी नहीं दी है कि उन्हें सैनिकों की संख्या कहां से पता चली है।
वॉन्ग ने कहा है कि नवंबर से पहले चीन ढिलाई नहीं बरत सकता है। वॉन्ग ने यह चेतावनी ऐसे वक्त में जारी कि है जब दोनों देशों के बीच छठे दौर की सैन्य कमांडर स्तर की बातचीत दो दिन पहले ही हुई है। बैठक में दोनों देशों ने अपने नेताओं की कायम की सहमित को लागू करने, जमीन पर संपर्क सुधारने, गलतफहमी खत्म करने और ज्यादा सैनिक फ्रंटलाइन पर नहीं भेजने पर सहमति जताई। दोनों ने ऐसे किसी एकपक्षीय बदलाव से बचने की जरूरत भी बताई जिससे हालात और जटिल हों।
गौरतलब है कि दोनों देशों के हिमालय के गलवान घाटी क्षेत्र में मई जून से हालात में तनाव बढ़ता जा रहा है। जून में चीन के सैनिकों ने भारतीय जवानों को डंडे और रॉड से घायल कर दिया था और 20 जवान शहीद भी हो गए थे। इसके बाग अगस्त में भी दक्षिण पैंगॉन्ग के पास दोनों सेनाओं के बीच झड़प हो गई। वहीं, कुछ दिन पहले ऐसी खबरें भी आई थीं कि लद्दाख में सर्दियां शुरू होने से पहले ही वहां तैनात चीनी सैनिकों को अस्पताल ले जाने की जरूरत पड़ चुकी है जबकि भारतीय सेना को सियाचीन जैसी ऊंचाई पर सैन्य ऑपरेशन का अनुभव है।