चीन की सेना मैदान में उतरे बिना ही जंग लड़ने की तैयारी कर रही है। सेना भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों का मुकाबला करने के लिए बायोवेपन, AI का सहारा ले रहा है। इसके लिए चीनी सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने ब्रेन वॉरफेयर यूनिट बनाई है। यह यूनिट ऐसे हथियारों का इस्तेमाल करेगी, जिनसे दुश्मन सैनिकों के दिमाग को कंट्रोल किया जा सकता है।
रिसर्च ग्रुप CCP बायोथ्रेट्स इनिशिएटिव की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रेन वॉरफेयर यूनिट चीन के मनोवैज्ञानिक युद्ध रणनीति का एक हिस्सा है। इसमें दिमाग से नियंत्रित होने वाले हथियारों से दुश्मन पर वार किया जाएगा। इन हथियारों को बनाने में PLA ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) जैसी नई तकनीकों का इस्तेमाल कर रही है।
सो जाएगा दुश्मन सैनिक
CCP बायोथ्रेट्स इनिशिएटिव की एक रिपोर्ट के मुताबिक कुछ हथियारों में दुश्मन को सुलाकर ने क्षमता होगी। ये सीधे मानव शरीर के कॉग्नेटिव फंक्शन (संज्ञानात्मक कार्य) पर असर करेंगे। इससे दुशमन देश के सैनिकों की सतर्कता भंग हो जाएगी और उन्हें नींद आने लगेगी। ऐसा करने के लिए ये हथियार इलेक्ट्रोमेग्नेटिक एनर्जी का इस्तेमाल करेंगे। हथियारों से 'सॉफ्ट किल रेडियो वेव' निकलेगी, जिससे दुशमन देश के सैनिक सोने लगेंगे।
यह चीन के लिए फायदेमंद होगा क्योंकि चीन के सैनिक खुदको इस हथियार से बचाने के लिए एंटी-स्लीप ग्लास का इस्तेमाल करेंगे। सेना ऐसे चश्में बना रही है जिस पर इन हथियारों का असर न हो और वो सो न सकें।
सैनिकों के बिहेवियर को कंट्रोल करने की भी तैयारी
'द सन' में रिसर्च ग्रुप की रिपोर्ट के हवाले से लिखा गया- चीनी सेना ऐसी मशीन भी बना रही है जो दिमाग और एक्सटर्नल टेक्नोलॉजी को सीधे जोड़ सके। इससे चीन को कॉग्नेटिव प्रोसेस और फंक्शन को नियंत्रित करने की क्षमता मिलेगी। आसान शब्दों में कहा जाए तो इस मशीन से सैनिकों के व्यवहार को नियंत्रित किया जा सकेगा।
एडवांस माइंड कंट्रोल वेपन्स का इस्तेमाल करेगा चीन
रिपोर्ट के मुताबिक चीन किसी भी देश के साथ जंग की स्थिति में एडवांस माइंड कंट्रोल वेपन्स का इस्तेमाल करेगा। यह कदम युद्ध में महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक आयाम लाएगा। ये एडवांस माइंड कंट्रोल वेपन्स चीनी सैनिकों के दिमाग से नियंत्रित होंगे और विरोधी सैनिकों के दिमाग में हेरफेर करने की कोशिश करेंगे।