कई आर्थिक रिपोर्टों ने बाजार की धारणा को प्रभावित किया। मिशिगन यूनिवर्सिटी के कंज्यूमर सेंटिमेंट इंडेक्स में लगभग 10% की गिरावट आई। यह फरवरी में 64.7 पर आ गया। यह बढ़ती महंगाई की चिंताओं को दर्शाता है, जो संभावित टैरिफ से जुड़ी हैं।
महंगाई बढ़ने की आशंका
सर्वे के पांच साल के इन्फ्लेशन आउटलुक में 3.5% की ग्रोथ हुई, जो 1995 के बाद से सबसे अधिक है। इसके अलावा, अमेरिका में मौजूदा घरों की बिक्री उम्मीद से ज्यादा गिरकर 40.8 लाख यूनिट रह गई। अमेरिकी सेवाओं का क्रय प्रबंधक सूचकांक भी संकुचन क्षेत्र में चला गया।
इन फैक्टर्स ने बॉन्ड की ओर रुझान बढ़ाया, जिससे यील्ड कम हुई। वालमार्ट के शेयर लगातार दूसरे दिन 2.5% गिरने के बाद निवेशकों की चिंता बढ़ गई। कमजोर कमाई के अनुमान के बाद कंज्यूमर फ्लेक्सिबिलिटी पर नए संदेह पैदा हुए।
टेक्नोलॉजी और डेवलपमेंट शेयरों में बिकवाली का सबसे ज्यादा असर देखा गया। एनवीडिया और पैलेंटिर जैसे निवेशकों के पसंदीदा शेयरों में भारी गिरावट आई। ट्रेडर्स पारंपरिक रूप से डिफेंसिव एसेट्स की ओर भागे। इस बीच, उपभोक्ता स्टेपल शेयरों ने बेहतर प्रदर्शन किया। प्रॉक्टर एंड गैंबल 1.8% बढ़ा। वहीं, जनरम मिल्स और क्राफ्ट हेंज जैसे एफएमसीजी दिग्गजों में 3% से अधिक की ग्रोथ हुई।
अमेरिकियों को चुकानी होगी कीमत
डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा, मेक्सिको और चीन से आने वाले सामानों पर नए टैरिफ लगाए हैं। उन्होंने भारत पर जवाबी शुल्क यानी रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। इस फैसले के चलते अमेरिकी अर्थव्यवस्था और आम नागरिकों पर असर पड़ सकता है। इन टैरिफों के लागू होने से महंगाई बढ़ेगी और आम अमेरिकियों की मुश्किलें भी बढ़ेंगी। इस कदम से अमेरिकी व्यापार साझेदारों के साथ संबंधों में तनाव भी बढ़ सकता है। ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था कि इन टैरिफ का बोझ दूसरे देशों पर पड़ेगा, अमेरिकियों पर नहीं। लेकिन, जानकारों का मानना है कि इसका उल्टा असर होगा।
महंगाई बढ़ने की आशंका
सर्वे के पांच साल के इन्फ्लेशन आउटलुक में 3.5% की ग्रोथ हुई, जो 1995 के बाद से सबसे अधिक है। इसके अलावा, अमेरिका में मौजूदा घरों की बिक्री उम्मीद से ज्यादा गिरकर 40.8 लाख यूनिट रह गई। अमेरिकी सेवाओं का क्रय प्रबंधक सूचकांक भी संकुचन क्षेत्र में चला गया।इन फैक्टर्स ने बॉन्ड की ओर रुझान बढ़ाया, जिससे यील्ड कम हुई। वालमार्ट के शेयर लगातार दूसरे दिन 2.5% गिरने के बाद निवेशकों की चिंता बढ़ गई। कमजोर कमाई के अनुमान के बाद कंज्यूमर फ्लेक्सिबिलिटी पर नए संदेह पैदा हुए।
टेक्नोलॉजी और डेवलपमेंट शेयरों में बिकवाली का सबसे ज्यादा असर देखा गया। एनवीडिया और पैलेंटिर जैसे निवेशकों के पसंदीदा शेयरों में भारी गिरावट आई। ट्रेडर्स पारंपरिक रूप से डिफेंसिव एसेट्स की ओर भागे। इस बीच, उपभोक्ता स्टेपल शेयरों ने बेहतर प्रदर्शन किया। प्रॉक्टर एंड गैंबल 1.8% बढ़ा। वहीं, जनरम मिल्स और क्राफ्ट हेंज जैसे एफएमसीजी दिग्गजों में 3% से अधिक की ग्रोथ हुई।