जिनेवा । पाकिस्तान को 'आतंकवाद का केंद्र' बताते हुए भारत ने कहा कि इस्लामाबाद किसी को अकारण मानवाधिकार पर व्याख्यान न दे क्योंकि उसने लगातार जातीय और हिंदुओं, सिखों और इसाईयों समेत अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित किया है। यहां मानवाधिकार परिषद के 45वें सत्र में पाकिस्तान की ओर से की गई टिप्पणी पर जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि झूठे और मनगढंत आरोप लगाकर अपने कुत्सित इरादों की पूर्ति करने के उद्देश्य से भारत को बदनाम करने की पाकिस्तान की आदत हो गई है। यह आतंकवाद का केंद्र है, संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधों की सूची में शामिल लोगों को पेंशन देने की इस देश की विशेषता है और इस देश के प्रधानमंत्री ने गर्व के साथ जम्मू-कश्मीर में लड़ाई के लिए हजारों आतंकवादियों को प्रशिक्षण देने की बात स्वीकारी है। भारतीय राजनयिक ने कहा कि न ही भारत को और न ही किसी अन्य को मानवाधिकार पर एक ऐसे देश से आख्यान सुनने की जरूरत है जो लगातार अपने जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करता रहा हो।