चीन से मुकाबला
एफआईईओ के प्रेसिडेंट एस.सी. रल्हन ने कहा कि उभरते बाजारों में विस्तार करना और मौजूदा भागीदारों के साथ व्यापार संबंधों को मजबूत करना विशिष्ट क्षेत्रों पर अत्यधिक निर्भरता से जुड़े जोखिमों को कम कर सकता है। साथ ही, कच्चे माल से वैल्यू-एडेड उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करने से निर्यात आय में वृद्धि हो सकती है। एफटीए पर बातचीत और कार्यान्वयन से बाजार तक आसान पहुंच की सुविधा मिल सकती है और व्यापार बाधाओं को कम किया जा सकता है। गुणवत्ता वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश, लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करने से भारतीय निर्यात में प्रतिस्पर्धा की क्षमता में सुधार होगा।हालांकि चीन के मुकाबले भारत का एक्सपोर्ट अभी बहुत कम है। worldostats.com के मुताबिक चीन का एक्सपोर्ट पिछले साल करीब 3.51 ट्रिलियन डॉलर रहा। चीन आज 125 देशों के लिए टॉप एक्सपोर्टर है। भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर भी चीन ही है। सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट करने वाले देशों की सूची में भारत बहुत पीछे है। इस लिस्ट में चीन के बाद अमेरिका ($3.05 ट्रिलियन), जर्मनी ($2.10 ट्रिलियन), यूके ($1.07 ट्रिलियन), फ्रांस ($1.05 ट्रिलियन), नीदरलैंड ($949 अरब), जापान ($920 अरब), इटली ($793 अरब) और सिंगापुर ($778 अरब) का नंबर है। इसके मुताबिक भारत का एक्सपोर्ट पिछले साल 773 अरब डॉलर रहा।