पाकिस्तान में हालिया चुनाव के दौरान धांधली के आरोप लग रहे हैं। अब पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने इस धांधली के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन का फैसला किया है। मंगलवार रात इसका ऐलान पार्टी नेता उमर अयूब ने किया।
अयूब पार्टी के महासचिव हैं और उन्हें इमरान खान ने प्रधानमंत्री पद का दावेदार घोषित किया है।
दूसरी पार्टियां साथ दें
अयूब ने अडियाला जेल में इमरान से मुलाकात की। इसके बाद कहा- खान साहब ने कहा है कि 2 मार्च को पूरे पाकिस्तान में चुनाव में हुई धांधली के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए निकलें। पाकिस्तान के इतिहास में इतनी बड़ी धांधली कभी नहीं हुई। हम चाहते हैं कि हर वो पार्टी इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा ले, जिसे लगता है कि उसके साथ नाइंसाफी हुई।
अयूब ने आगे कहा- हम सच और हक की लड़ाई के लिए कमर कस चुके हैं और कोई जुल्म हमें दबा नहीं सकता। हमारे उम्मीदवारों के वोट दुनिया की आंखों के सामने चोरी किए गए और इसका विरोध किसी ने नहीं किया। मेरी इमरान से मुलाकात के मायने और कुछ नहीं हैं। हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि जो कुछ चुनाव में हुआ, उसके जिम्मेदारों को सजा और हमें अपना वाजिब हक मिले।
अयूब ने कहा- 29 मार्च को नेशनल असेंबली का सेशन बुलाया गया है। हमने अपने सांसदों से कहा है कि वो इसमें हिस्सा लें और शपथ भी लें। इसके बाद की रणनीति बाद में तय की जाएगी। हमने इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी IMF को भी बताया है कि चुनाव में किस हद तक धांधली हुई। कुछ लोग इसे मुल्क से गद्दारी बता रहे हैं, लेकिन जब डेमोक्रेसी खतरे में हो तो कई कदम उठाने पड़ते हैं।
शपथ का मामला सुलझा
पाकिस्तान में आम चुनाव 8 फरवरी को हुए। इसी दिन नतीजे आने शुरू हो गए। तकनीकी और संवैधानिक तौर पर यह तय है कि 21 दिन के अंदर नई संसद (नेशनल असेंबली) का सत्र बुलाया जाए। इसमें नए सांसदों को शपथ दिलाई जाती है। स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चुनाव होता है और इसके साथ ही प्रधानमंत्री चुना जाता है।
‘द न्यूज’ के मुताबिक- मिनिस्ट्री ऑफ पार्लियामेंट्री अफेयर्स ने केयरटेकर प्राइम मिनिस्टर अनवार-उल-काकड़ से मशविरे के बाद समरी तैयार की। इसे प्रेसिडेंट आरिफ अल्वी के पास भेजा गया। उन्होंने समरी पर सिग्नेचर करने से इनकार कर दिया।
केयरटेकर सरकार ने संवैधानिक संकट से बचने के लिए स्पीकर राजा परवेज अशरफ के पास समरी भेजी और उन्होंने बिना देर लगाए नई संसद का सत्र बुलाने के लिए 29 फरवरी की तारीख तय कर दी। सूत्रों ने कहा- 29 फरवरी को सुबह 10 बजे सत्र शुरू होगा। नए सांसदों को शपथ दिलाई जाएगी। इसके अगले दिन स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चुनाव होगा।
इलेक्शन अफसर ने आरोप वापस लिए
चुनाव में धांधली का आरोप लगाने वाले रावलपिंडी के पूर्व कमिश्नर लियाकल अली चट्टा अपनी बात से पलट गए हैं। 16 फरवरी को उन्होंने धांधली के आरोप लगाए थे। 22 फरवरी को आरोप वापस लेते हुए कहा- मैंने इमरान खान की पार्टी PTI के कहने पर बेबुनियाद आरोप लगाए। अब मैं शर्मसार हूं। मुल्क की बदनामी कराने का गुनहगार हूं। कानून जो चाहे वो सजा मुझे दे सकता है।
लियाकत ने 16 फरवरी को मीडिया से कहा था- निर्दलीय 70-80 हजार वोटों के साथ जीत रहे थे, लेकिन हमने नकली बैलेट पेपर के जरिए उन्हें हरा दिया। मैं अपने जुर्म की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं। दूसरी तरफ, नवाज शरीफ की पार्टी PML-N ने आरोप लगाया है कि इमरान ने लियाकत को अमेरिका में फ्लैट के साथ करोड़ों रुपए देने का ऑफर दिया था। इसके बाद लियाकत ने मुल्क को बदनाम करने वाले आरोप लगाए।
रावलपिंडी के पोलिंग अधिकारी लियाकत अली चट्टा ने स्वीकार किया था कि उन्होंने चुनाव में धांधली की थी। इस अधिकारी ने कहा था- धांधली में चुनाव आयोग के अध्यक्ष और पाकिस्तान के चीफ जस्टिस भी मिले हुए हैं। हमने चुनाव में हार रहे उम्मीदवारों को 50 हजार वोटों के अंतर से जिताया है। यह सब PTI समर्थन वाले निर्दलीयों को हराने के लिए किया गया। मैं मुल्क को तोड़ने के इस जुर्म का भागीदार नहीं बनना चाहता।
आरोपों के बीच सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा ने कहा था- पोलिंग अफसर सबूत दें कि चुनावी धांधली में वो शामिल थे। नवाज की पार्टी PML-N की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने भी पोलिंग अधिकारी के आरोपों को बेबुनियाद बताया था।