मास - मार्गशीर्ष (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - कार्तिक)
पक्ष - कृष्ण
तिथि - चतुर्दशी रात्रि 12:44 तक तत्पश्चात अमावस्या
नक्षत्र - अनुराधा 14 दिसम्बर रात्रि 01:40 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा
योग - सुकर्मा सुबह 08:18 तक तत्पश्चात धृति
राहुकाल - शाम 04:37 से शाम 05:59 तक
सूर्योदय - 07:08 सूर्यास्त - 17:57
दिशाशूल - पश्चिम दिशा मे
व्रत पर्व विवरण - मासिक शिवरात्रि
विशेष - चतुर्दशी और अमावस्या, रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
सोमवती अमावस्याः दरिद्रता निवारण
14 दिसम्बर 2020 सोमवार को सूर्योदय से रात्रि 09:47 तक सोमवती अमावस्या है ।
सोमवती अमावस्या के पर्व में स्नान-दान का बड़ा महत्त्व है। इस दिन भी मौन रहकर स्नान करने से हजार गौदान का फल होता है।
इस दिन पीपल और भगवान विष्णु का पूजन तथा उनकी 108 प्रदक्षिणा करने का विधान है। 108 में से 8 प्रदक्षिणा पीपल के वृक्ष को कच्चा सूत लपेटते हुए की जाती है। प्रदक्षिणा करते समय 108 फल पृथक रखे जाते हैं। बाद में वे भगवान का भजन करने वाले ब्राह्मणों या ब्राह्मणियों में वितरित कर दिये जाते हैं। ऐसा करने से संतान चिरंजीवी होती है।
ग़रीबी - दरिद्रता मिटाने के लिए
इस दिन तुलसी की 108 परिक्रमा करने से दरिद्रता मिटती है I
सोमवती अमावस्या के दिन 108 बार अगर तुलसी की परिक्रमा करते हो I ॐकार का थोड़ा जप करते हो, सूर्य नारायण को अर्घ्य देते हो, यह सब साथ में करो तो अच्छा है, नहीं तो खाली तुलसी को 108 बार प्रदक्षिणा करने से तुम्हारे घर से दरिद्रता भाग जाएगी I
नकारात्मक ऊर्जा मिटाने के लिए
घर में हर अमावस्या अथवा हर 15 दिन में पानी में खड़ा नमक (1 लीटर पानी में 50 ग्राम खड़ा नमक) डालकर पोछा लगायें । इससे नेगेटिव एनेर्जी चली जाएगी । अथवा खड़ा नमक के स्थान पर गौझरण अर्क भी डाल सकते हैं ।
समृद्धि बढ़ाने के लिए
कर्जा हो गया है तो अमावस्या के दूसरे दिन से पूनम तक रोज रात को चन्द्रमा को अर्घ्य दे, समृद्धि बढेगी ।
दीक्षा मे जो मन्त्र मिला है उसका खूब श्रध्दा से जप करना शुरू करें,जो भी समस्या है हल हो जायेगी ।
अमावस्या
अमावस्या के दिन जो वृक्ष, लता आदि को काटता है अथवा उनका एक पत्ता भी तोड़ता है, उसे ब्रह्महत्या का पाप लगता है (विष्णु पुराण)I