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हकीकत बुनते हैं तो सब मोदी को चुनते हैं

Updated on 28-01-2024 08:56 AM
 अयोध्या में रामलाल की प्राण-प्रतिष्ठा के तीन दिन बाद ही भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 के कैम्पेन का थीम सॉग लांच कर दिया है। ‘सपने नहीं हकीकत को बुनते हैं तभी तो सब मोदी को चुनते हैं‘, यही भाजपा के चुनाव प्रचार की मेन थीम होगी। भाजपा का कहना है कि यह स्लोगन असल में जनता के बीच से ही आया है और जनता की भावनाओं को समझते हुए ही इस स्लोगन को पार्टी ने अपनाया है। यह मोदी की गारंटी अभियान का पूरक है। इसके साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनता से 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के घोषणा-पत्र के लिए सुझाव भी मांगे हैं। जो चुनाव प्रचार का मेन थीम सॉग रिलीज किया गया है वह अत्याधिक भावनात्मक ढंग से पेश किया गया है। आने वाले दिनों में पार्टी डिजिटल होर्डिंग्स, डिसप्ले बैनर और डिजिटल फिल्में भी रिलीज करेगी।
      25 जनवरी को ही उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर से एक प्रकार से चुनाव अभियान की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की पूर्ववर्ती सरकारों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इन सरकारों ने जनता को अभाव में रखा और समाज को बांटकर सत्ता पाते रहे। मौसम खराब होने के कारण 90 किमी का सफर मोदी ने कार से तय किया और इसके साथ ही 20 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास भी किया। इस अवसर पर उन्होंने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को याद करते हुए कहा कि इस क्षेत्र ने देश को कल्याण सिंह जैसा सपूत दिया जिन्होंने रामकाज और राष्ट्रकाज दोनों के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
प्रधानमंत्री ने पहली बार के मतदाताओं को वर्चुअली सम्बोधित करते हुए युवाओं से कहा कि आप पर विकास की जिम्मेदारी है और आप ही बतायें कि भाजपा का घोषणा-पत्र कैसा हो। आपको अगले 25 साल में अपना और देश का भविष्य तय करना है, स्थानीय, जिले और राज्य व केंद्र स्तर पर चुनावों में आपकी बड़ी जिम्मेदारी होगी। एक ओर जहां प्रधानमंत्री ने एक प्रकार से चुनावी अभियान छेड़ दिया है तो वहीं कांग्रेस नेता और कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल   के कूचबिहार में इंडिया गठबंधन की एकता में भरोसा जताया और कहा कि इस यात्रा में न्याय शब्द जोड़ा गया है क्योंकि इस वक्त देश में अन्याय फैला हुआ है और इंडिया गठबंधन अन्याय के खिलाफ मिलकर लड़ेगा। राहुल गांधी की न्याय यात्रा के पांच सूत्रों में युवा न्याय, भागीदारी न्याय, नारी न्याय, किसान न्याय और श्रमिक न्याय शामिल हैं। इस प्रकार एक ओर जहां मोदी एनडीए गठबंधन का आधार मतदाताओं में और अधिक बढ़ाने के अभियान में भिड़ गये हैं तो वहीं राहुल गांधी भी इंडिया गठबंधन को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। देखने वाली बात यही होगी कि इस गठबंधन को बनाने वाले बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश जिस प्रकार झटका देते प्रतीत हो रहे हैं वैसे ही और कौन-कौन से नेता चुनाव आने तक इस राह पर चल निकलेंगे।
लोकसेवकों की भूमिका रेखांकित करते मोहन
         मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य सिविल सेवा से चयनित अभ्यार्थियों को नियुक्ति पत्र देते समय लोकसेवकों की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि सबल, सक्षम और सुशासित प्रदेश बनाने में लोकसेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति के जीवन में बदलाव लाना, सब स्वस्थ व सुखी हों यह प्रयास करना तथा मध्यप्रदेश सभी क्षेत्रों में प्रथम स्थान पर हो इसके लिए समन्वित रुप से प्रयास करना ही हमारी सरकार की प्राथमिकता है। इस प्रकार डॉ. यादव ने अपनी सरकार की प्राथमिकता को रेखांकित करते हुए नये चयनित अभ्यार्थियों को शुभकामनाएं  दीं और कहा कि आप सभी वर्षों की तपस्या और परिवारों की आशा-आकांक्षा, अपेक्षा के बलबूते पर ही चयनित हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह एक सुखद संयोग है कि हाल ही में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा हुई है और यह देश में सुशासन की प्राण प्रतिष्ठा है, हम रामराज्य की ओर अग्रसर हो रहे हैं और आप सुशासन का पाथेय बन रहे हैं।
 मोहन ने सागर का मन मोहा
        प्रखर समाजवादी नेता और सर्वदलीय नागरिक मोर्चा सागर के संरक्षक रघु ठाकुर का कहना है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सागर का मन मोह लिया है और इसके लिए वे उनके प्रति आभार व्यक्त करते हैं। ठाकुर का कहना है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सागर जिले की चिर-प्रतीक्षित मांग कि सागर में राजकीय विश्वविद्यालय शुरु किया जाए को समयबद्ध ढंग से पूरा करने की बात मान ली है। सर्वदलीय नागरिक संघर्ष मोर्चा सागर अनेक वर्षों से यह मांग कर रहा था कि यहां राजकीय विश्वविद्यालय  आरंभ किया जाए। इसके लिए मोर्चे ने सागर से लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर तक इस मांग को उठाया। दरअसल यह केवल सागर की मांग मात्र नहीं है बल्कि सागर के साथ हुए अन्याय को दूर करने की मांग भी थी। भारत सरकार ने राजकीय विश्वविद्यालय  की स्थापना के लिए राशि भी दी थी जिसे चुनावी लाभ लेने के लिए शिवराज सिंह चौहान सरकार ने छतरपुर में विश्वविद्यालय खोल दिया था और बाद में बची हुई राशि से कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में विश्वविद्यालय खोल दिया तथा हमारे जनप्रतिनिधि विधानसभा में मूक दर्शक बन इस अन्याय के साक्षी बने रहे। डॉ. मोहन यादव ने उस राजनीतिक अन्याय का परिमार्जन कर दिया है इसलिए सर्वदलीय नागरिक संघर्ष मोर्चा सागर उन्हें इस त्वरित व साहसिक निर्णय के लिए साधुवाद देता है।
और यह भी
         गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर प्रदेश की जनता को बधाई देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि गणराज्य इस बात की गारंटी देता है कि  सिर्फ बहुमत के बल पर कोई बात सही साबित नहीं की जा सकती है या उसे देश पर लागू नहीं किया जा सकता। इसी तरह संविधान समाज के बहुसंख्यक, अल्पसंख्यक, भाषाई अल्पसंख्यक, अन्य पिछड़ा वर्ग, दलित, आदिवासी और महिलाओं, बच्चों, यहां तक समस्त प्राणियों को उनके अधिकार देने की घोषणा करता है, भले ही उनके पास वोट की शक्ति कम या अधिक हो। उनका कहना है कि संविधान नागरिकों की एक नया भारत बनाने की चेतना का महत्वपूर्ण अंग है। अतः हम यह संकल्प लें कि किसी भी राग या द्वेष, सुख या दुख, सत्ता या वनवास के क्षणों में संवैधानिक मूल्यों को नहीं भूलेंगे और वंचित से वंचित व्यक्ति को उसका अधिकार दिलाने के संघर्ष में सदैव जुटे रहेंगे। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि सर्वधर्म समभाव हमारे संविधान का मूल संदेश है। सभी धर्मो का आदर हमारी संस्कृति है। लेकिन अब देश में एक ऐसी विचारधारा को बढ़ाया जा रहा है जिसमें एक धर्म, एक पंथ, एक नेता को मजबूत करने की बात की जाती है। उनका कहना है कि पूंजी के एकाधिकारवाद, अवसरों की लूट और संगठित झूठ के खिलाफ कमर कसें और सब मिलकर भारत को सच्चे अर्थों में विश्व गुरु  गुरु बनायें।

-अरुण पटेल 
लेखक, संपादक 


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