कैसे होगा विकास जब राज्य ही पैसा खर्च नहीं कर रहे! 'बेकार' पड़े हैं वेलफेयर फंड के एक लाख करोड़ रुपये
Updated on
18-02-2025 02:15 PM
नई दिल्ली: केंद्र सरकार की ओर से देशभर में कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसके लिए केंद्र की ओर से राज्यों को वेलफेयर फंड भी जारी किया जाता है। लेकिन एक जानकारी के मुताबिक राज्य इस फंड का अधिकतम हिस्सा खर्च ही नहीं कर पा रहे हैं। राज्यों के अकाउंट में वेलफेयर फंड के करीब एक लाख करोड़ रुपये 'बेकार' पड़े हुए हैं।
बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक केंद्र की योजनाओं के लिए राज्यों को भेजी जाने वाली करीब एक लाख करोड़ रुपये की रकम राज्यों के सिंगल नोडल एजेंसी (एसएनए) अकाउंट में जमा है। इस रकम का इस्तेमाल ही नहीं किया गया है। इसमें सबसे ज्यादा रकम प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की है।
कहां कितनी पड़ी है रकम?
रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए आवंटित की गई रकम में से 13 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का इस्तेमाल नहीं हुआ है। केंद्र सरकार की किसी भी स्कीम के लिए राज्यों को आवंटित रकम में से इस्तेमाल न किया गया यह सबसे ज्यादा पैसा है।
इसके अलावा जल जीवन मिशन का 8169 करोड़ रुपया, अमृत स्कीम का 10964 करोड़ रुपया, स्वच्छ भारत मिशन (अर्बन) का 10406 करोड़ रुपया और सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 योजना का 11145 करोड़ रुपया राज्यों के अकाउंट में पड़ा हुआ है। यह वह रकम है जो आवंटित रकम में से बची हुई है और इसका राज्यों ने इस्तेमाल नहीं किया है।
सरकार ने बजट में किया जिक्र
इस्तेमाल नहीं किए गए इस फंड का जिक्र सरकार ने भी किया है। वित्त मंत्रालय ने बजट में बताया कि केंद्र सरकार या राज्य अपने विकास या कल्याणकारी योजनाओं के लिए उधार लेते हैं। यह सिस्टम इस फंड पर पूरी नजर रखता है। अगर अकाउंट में रकम जमा है तो अगली बार इस स्कीम के बजट का आवंटन कुछ कम किया जाता है, ताकि ब्याज में बचत हो सके।
बजट में कितनी मिली रकम?
बजट में वित्त वर्ष 26 के लिए केंद्र सरकार की इन योजनाओं को 1.6 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। ये पिछले वर्ष के संशोधित अनुमान से 7.2 फीसदी अधिक है। सबसे ज्यादा रकम जल जीवन मिशन के लिए आवंटित की गई है। यह 67 हजार करोड़ रुपये है। वहीं स्वच्छ भारत मिशन (अर्बन) के लिए 5 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि अभी इसके एसएनए अकाउंट में 10,406 करोड़ रुपये की रकम पड़ी हुई है।
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