भारत अमेरिका के मिडिल ईस्ट यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर से रूस की कैसे होगी चांदी, खुद राष्ट्रपति पुतिन ने बताया
Updated on
13-09-2023 01:44 PM
व्लादिवोस्तोक: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत मिडिल ईस्ट यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर को स्वागत किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि इससे उनके देश को भी काफी फायदा होने वाला है। व्लोदिवोस्तोक में आयोजित आठवें ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में पुतिन ने कहा कि उन्हें भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) में ऐसा कुछ भी नहीं दिखता जो रूस के लिए बाधा बन सके। उनके मुताबिक इस परियोजना से रूस को भी फायदा होगा। पुतिन ने इस कॉरिडोर को मौजूदा नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर की तर्ज पर ही करार दिया है। वहीं रूसी राष्ट्रपति की मानें तो अमेरिका के इसमें शामिल होने का क्या मतलब था, यह उनकी समझ से परे है।
पुतिन बोले कॉरिडोर बाधा नहीं पुतिन ने कहा कि आईएमईसी उनके देश को लॉजिस्टिक्स का विकास करने में मदद करने वाला साबित होगा। रूसी राष्ट्रपति पुतिन की मानें तो इस परियोजना पर कई वर्षों से चर्चा चल रही थी। पुतिन ने कहा, 'इस गलियारे के साथ जो कॉर्गो जुड़ा है वह वास्तव में, रूस की उत्तर-दक्षिण परियोजना का एक अतिरिक्त हिस्सा है। हमारे पास यहां कुछ भी नहीं है, हम कुछ ऐसा देखते हैं जो किसी तरह से हमारे लिए बाधा बन सकता है।' पुतिन ने जिस अंतरराष्ट्रीय नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर कर जिक्र किया वह रूस को ईरान के रास्ते अरब सागर में भारत के पश्चिमी बंदरगाहों से जोड़ना चाहता है।
चलती बस में सवार अमेरिका रूस के पोर्ट सिटी व्लादिवोस्तोक में आयोजित आंठवों ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (ईईएफ) में पुतिन ने कहा, 'मेरा मानना है कि इससे हमें ही फायदा होगा। इससे हमें लॉजिस्टिक्स विकसित करने में ही मदद मिलेगी। सबसे पहले इस परियोजना पर चर्चा की गई है और एक लंबे समय से पिछले कई वर्षों से इस पर बातचीत जारी है।' पुतिन ने इसके साथ ही अमेरिका पर भी हमला बोला और कहा कि अमेरिका ने आखिरी समय में 'बस में छलांग लगाई' है। उन्होंने कहा कि अमेरिका क्यों इस प्रोजेक्ट में शामिल हुआ है, उन्हें समझ नहीं आता। इसके बाद पुतिन ने कहा कि शायद उनका भी एक व्यावसायिक हित हो और वो इससे जुड़े।
अपनी तरह का पहला कॉरिडोर भारत, अमेरिका, सऊदी अरब और यूरोपियन यूनियन ने नौ सितंबर को एक मेगा भारत-मिडिल ईस्ट- यूरोप शिपिंग और रेलवे कनेक्टिविटी कॉरिडोर शुरू करने के लिए एक ऐतिहासिक समझौते की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की अध्यक्षता में नई दिल्ली में हुए जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर इस महत्वाकांक्षी परियोजना का ऐलान किया। इसमें शामिल देशों ने एक एमओयू पर साइन किया है। इस एमओयू साथ ही मिडिल ईस्ट कॉरिडोर का ऐलान किया गया है। यह अपनी तरह का पहला कॉरिडोर है जो भारत को यूएई, सऊदी अरब, यूरोपियन यूनियन, फ्रांस, इटली, जर्मनी और अमेरिका से जोड़ेगा।
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