अगर आपने आजादी के समय 10 हजार रुपये का भी सोना लिया होता, तो आज आपका इन्वेस्टमेंट 66,80,000 रुपये का हो जाता। वहीं अगर कोई व्यक्ति 1947 में एक लाख रुपये का सोना खरीदकर रख लेता, तो आज वह 6 करोड़ 68 लाख रुपये का मालिक होता।
आजादी के समय भारत में सोना इतना महंगा नहीं था। साल 1942 में जब दूसरा विश्व युद्ध और देश में 'भारत छोड़ो आंदोलन' चरम पर था, उस समय सोने का भाव (Gold Rate) 44 रुपये प्रति 10 ग्राम था। इंडियन पोस्ट गोल्ड कॉइन सर्विसेज के अनुसार, आजादी के समय साल 1947 में सोने का भाव बढ़कर 88.62 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। आजादी के बाद सोने के भाव में सबसे बड़ी गिरावट साल 1964 में आई थी। उस समय सोने का भाव 63.25 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया था।
इसके बाद सोने की कीमतें तेजी से बढ़ीं। साल 1970 में सोना 184 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। इसके बाद साल 1975 में यह 540 रुपये प्रति 10 ग्राम और 1980 में 1,333 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। साल 1985 में सोने का भाव था 2,130 रुपये प्रति 10 ग्राम। साल 1990 में यह बढ़कर 3200 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। आज के भाव से देखें तो यह रेट कुछ भी नहीं है। साल 2000 में सोने का भाव बढ़कर 4,400 रुपये प्रति 10 ग्राम पर जा पहुंचा।
ग्लोबल इकॉनमी में सुस्ती या मंदी हो, शेयर मार्केट गिर रहे हों, दुनिया में कोई भू-राजनीतिक तनाव हो या बाजार में अनिश्चितता का माहौल हो, तो सोने में तेजी आती है। सोना सेफ हैवन एसेट माना जाता है। जब भी वैश्विक अर्थव्यवस्था में अस्थिरता या अनिश्चितता आती है और शेयर बाजार गिरने लगते हैं, तो निवेशक सोने का रुख करते हैं। इसके अलावा केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीद करने पर भी सोने के दाम ऊपर जाते हैं।
आजादी के बाद से सोने के दाम 670 गुना से अधिक बढ़ गए हैं। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उस समय अगर आपने सोना खरीदा होता तो आज आप मालामाल हो जाते। आजादी के समय सोने का भाव 88.62 रुपये प्रति 10 पर था। वहीं, गुरुवार को एमसीएक्स एक्सचेंज पर सोने का भाव 59,200 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब ट्रेड करता दिखा है। इस तरह सोना आजादी से लेकर अब तक की अवधि में 66,800 फीसदी रिटर्न दे चुका है।
अगर आपने आजादी के समय 10 हजार रुपये का भी सोना लिया होता, तो आज आपका इन्वेस्टमेंट 66,80,000 रुपये का हो जाता। वहीं अगर कोई व्यक्ति 1947 में एक लाख रुपये का सोना खरीदकर रख लेता, तो आज वह 6 करोड़ 68 लाख रुपये का मालिक होता।