आतंकी संगठन ISIS पाकिस्तान में अपनी पैठ जमाने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने वहां की सीनेट (राज्यसभा) को ये जानकारी दी है।
मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिका के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद वहां की सत्ता आतंकी संगठन तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (TTP) पर लगाम लगाने में नाकामयाब रही है।
तहरीक तालिबान पाकिस्तान TTP अपनी ताकत बढ़ाने के लिए दूसरे आतंकी संगठनों से मदद ले रहा है। बीते कई दिनों से पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में TTP आतंकवादियों की गतिविधियां काफी बढ़ी हैं। बलूचिस्तान में भी TTP की मौजूदगी है। आतंकी संगठन पूरे देश में अपना नेटवर्क फैला रहा है।
नतीजा ये हुआ है कि इससे पाकिस्तान में इस्लामिक स्टेट की मौजूदगी का खतरा बढ़ गया है। ISIS सांप्रदायिक संघर्ष को भड़काने के लिए शियाओं और धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों पर आतंकी हमले कर रहा है।
पाकिस्तान के सभी इलाकों से आतंकियों की भर्ती
तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के सभी प्रांतों से आतंकियों की भर्ती कर रहा है। उन्हें ट्रेनिंग दे रहा है और फिर फिदायीन हमले करा रहा है। पाकिस्तान इंस्टिट्यूट फॉर पीस स्टडीज की रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में आतंकी हमलों में हुआ 82 फीसदी मौतों के जिम्मेदार TTP, इस्लामिक स्टेट खोरसान (IS-K) और बलूच लिबरेशन आर्मी है।
बॉर्डर तोड़ पाकिस्तान में घुस रहे आतंकी
गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान की तरफ से घुसने वाले आतंकियों को रोकने के लिए पाकिस्तान अपने पश्चिमी बॉर्डर पर फेंसिंग (घेराबंदी) कर रहा है। इसका काम लगभग पूरा हो चुका है। हालांकि, TTP और ISIS के लड़ाके फेंसिंग तोड़ कर पाकिस्तान में घुसपैठ कर रहे हैं।
पाकिस्तान ने मार्च 2017 में अफगानिस्तान बॉर्डर पर घेराबंदी का काम शुरू किया था। तब अफगानिस्तान की तरफ से पाकिस्तान में खूब आतंकी हमले किए जा रहे थे। पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच 2640 किलोमीटर के बॉर्डर को डुरंड लाइन भी कहा जाता है। नवंबर 2022 में आतंकियों ने सीजफायर खत्म कर दी थी। तब से पाकिस्तान में लगातार आतंकी हमले हो रहे हैं।
पाकिस्तान में हो सकता है आतंकी हमला
TTP और ISIS के खतरे के बीच पाकिस्तान की पुलिस ने जमीयत उलेमा पार्टी के चीफ मौलाना फजलुर रहमान के बेटे को एक आतंकी हमले की चेतावनी दी है। मौलाना असद महमूद से कहा गया है कि वो कम से कम लोगों के बीच जाएं। डेरा इस्माइल खान पुलिस स्टेशन के सब डिविजन पुलिस ऑफिसर ने कहा है कि आतंकी उनके घर पर भी हमला कर सकते हैं।
दरअसल, पिछले साल भी पेशावर में जमीयत उलेमा की रैली में आतंकी हमला हुआ था। इसमें 44 लोगों की मौत हो गई थी। मौलाना असद को कहा गया है कि वो अपनी मूवमेंट की सारी जानकारी सिक्योरिटी ऑफिशियल्स को देंगे।